Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 07 Feb, 2019 02:03 PM
टीबी रोग से मरीजों को निजात दिलाने के लिए भले ही राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन जिला टीबी अस्पताल में मरीजों की सेहत का ख्याल रखने की बजाय उन्हें और बीमार किए जाने का एक मामला कुशा भाऊ जिला अस्पताल में देखने को मिल रहा है...
शहडोल: टीबी रोग से मरीजों को निजात दिलाने के लिए भले ही राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन जिला टीबी अस्पताल में मरीजों की सेहत का ख्याल रखने की बजाय उन्हें और बीमार किए जाने का एक मामला कुशा भाऊ जिला अस्पताल में देखने को मिल रहा है। जहां वार्ड में गंदगी होने के कारण मरीजो का खुले में उपचार कर उन्हें और बीमार किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, संभाग का सबसे बड़ा कुशा भाऊ जिला अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई है। इस अस्पताल में केवल टीबी के मरीजो का ही उपचार होता है। लेकिन वार्ड में गंदगी के चलते टीबी के मरीज वार्ड के बाहर खुले में उपचार कराने को मजबूर है। आलम यह है कि चिकित्सक बाहर गैलरी में उनका उपचार कर रहे हैं। जिससे मरीज के साथ परिजनों को भी संक्रामण के चलते बीमार होने का खतरा बना हुआ है। अस्पताल में जहां-तहां आवारा कुत्ते घूमते हुए नजर आते हैं। मरीज गंदगी के बीच उपचार कराने को विवश हैं। उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखने की बजाय जिला अस्पताल के जिम्मेवार उसी गंदगी के बीच उनका उपचार जारी किए हुए है।
वहीं इस मामले में सिविल सर्जन का कहना है कि यदि खुले में उपचार हो रहा तो गलत है। लेकिन वहीं उन्होंने चिकित्सकों का बचाव करते हुए कहा कि ठंड से बचने के लिए मरीज तो खुले में धूप सेकने के लिए बैठ जाते हैं।