Edited By meena, Updated: 06 Aug, 2025 01:28 PM

सिवनी जिले के बरघाट थाना क्षेत्र में जब एक मां की गोद से उसका दो साल का मासूम बच्चा रात के सन्नाटे में अचानक गायब हो गया था...
सिवनी (अब्दुल काबिज़) : सिवनी जिले के बरघाट थाना क्षेत्र में जब एक मां की गोद से उसका दो साल का मासूम बच्चा रात के सन्नाटे में अचानक गायब हो गया था, तो उस दिन से लेकर चार महीने तक पूरे परिवार, गांव और पुलिस विभाग की हर रात बेचैनी और उम्मीदों के बीच गुज़री। 23 अप्रैल 2025 की वो रात, जब मासूम यह सोचकर सोया था कि सुबह मां की ममता भरी गोद में उठेगा, लेकिन किस्मत ने उसे अंधेरे में धकेल दिया। अपहरण की इस खबर ने न केवल परिजनों को, बल्कि पूरे समाज को हिला कर रख दिया था। लेकिन बरघाट पुलिस की ज़िद थी "यह बच्चा वापस लौटेगा..और मां की गोद सूनी नहीं रहेगी
पुलिस अधीक्षक सुनील मेहता, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और अनुविभागीय अधिकारी ललित गठरे के नेतृत्व में पुलिस टीम ने उस बच्चे को तलाशने की वो जद्दोजहद की, जो हर मां के आंसुओं की कीमत को समझती है। चार महीने तक लगातार सिवनी, बालाघाट, मंडला, नागपुर, गोंदिया जैसे कई जिलों में पुलिस ने एक-एक सुराग को पकड़कर नब्ज पकड़ी। हर CCTV फुटेज खंगाली गई, हर मुखबिर से बातचीत की गई।

आखिरकार 4 अगस्त 2025 को उस संघर्ष की जीत का दिन आया, जब सूचना मिली कि सूफी नगर इलाके में एक बच्चा खेलते हुए देखा गया है, जिसका हुलिया लापता बालक से मिलता है। बरघाट पुलिस की टीम ने परिजनों को बुलाकर जब बच्चे की पहचान कराई तो मां की आंखों से बरसते आंसुओं ने यह बता दिया कि 'मां का बच्चा वापस मिल गया है।' पूछताछ में जो कहानी सामने आई वो इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली थी।

गोपाल उर्फ राज साहू और उसकी पत्नी शीला साहू, जिनके कोई संतान नहीं थी, उन्होंने एक मासूम की जिंदगी को दांव पर लगा दिया। इस पूरे षड्यंत्र में पुष्पा धुर्वे ने भी उनकी मदद की। उन्होंने एक शादी समारोह से उस बच्चे को चुरा लिया और चार महीनों तक उसे छुपाकर रखा।

लेकिन कहते हैं ना, "मां के आंसुओं की बद्दुआ और पुलिस की मेहनत कभी खाली नहीं जाती।" बरघाट पुलिस की टीम ने सूझबूझ और तकनीकी सहायता से इस अपहरणकांड का खुलासा कर बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया। आज वह मासूम बच्चा फिर से अपनी मां की गोद में है।

उसकी मासूम हंसी ने न केवल उसके माता-पिता की दुनिया रोशन की है बल्कि पुलिस विभाग के जज्बे को भी सलाम करने पर मजबूर कर दिया है। सिवनी पुलिस की यह जीत, केवल एक केस सुलझाने की नहीं है, यह जीत है- मां की ममता की, इंसाफ की, और उस भरोसे की जो जनता पुलिस से रखती है।