वाणिज्यकर मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर से पंजाब केसरी संवाददाता की खास बातचीत

Edited By meena, Updated: 26 Dec, 2019 06:13 PM

bhopal reporter s special conversation with brijendra singh rathore

मध्यप्रदेश सरकार के एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में पंजाब केसरी के भोपाल संवाददाता इजहार हसन खान ने वाणिज्यकर मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर से बातचीत के जरिए कुछ सवाल- जबाव किए हैं। बीते एक साल में कांग्रेस...

भोपाल(इजहार हसन खान): मध्यप्रदेश सरकार के एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में पंजाब केसरी के भोपाल संवाददाता इजहार हसन खान ने वाणिज्य कर मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर से बातचीत के जरिए कुछ सवाल- जबाव किए हैं। बीते एक साल में कांग्रेस सरकार के सामने क्या चुनौतियां आई, क्या उपलब्धियां हासिल की और आने वाले समय में सरकार की योजनाओं के बारे में क्या जानकारी दी। आइए जानते हैं-

सवाल- जब आपकी सरकार बनी थी आपके सामने चेलैंज था कि पुराना कर्ज भी चुकाना है, आपने वादे जो किए हैं उनको भी पूरा करना है। इस सबके बीच विपक्ष का अड़ंगा था इस सब पर आपने कैसे काबू पाया?

मंत्री का जबाव- देखिए चुनौतिया तो थी। वचन भी दिए थे वचन निभाने भी थे। प्रदेश की गति को आगे भी बढ़ाना है। गरीब व्यक्ति के विकास की योजनाओं को संचालित करना। खाली खजाने को व्यवस्थित करना। ये चारों दिशाओं से चुनौतियां थी। उस पर रोज ये आरोप झेलना कि आज सरकार गिरा देंगे, कल गिरा देंगे। हमें प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का मार्गदर्शन मिला। उनका संरक्षण हमें मिला। अब उन सब बातों से निकल हम आगे आ चुके हैं। खाली खजाने को भरने का काम हमने किया है। रेत नीति हमारी जो केवल ढाई सौ करोड़ रुपए हमें मिलते थे। हमने उस नीति को परिवर्तित किया। जो अब तक बढ़ कर ग्यारह बारह सौ करोड़ रुपए अब मिलना शुरु हो गए हैं।


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सवाल- आबकारी में भी पिछली सरकार ऐसे फैसले ले गई थी कि आपको उसको फॉलो करना था। अगर आप फॉलो करते तो शायद आपको नुक्सान होता। लेकिन आपने कुछ कड़ निर्णय लिए उससे भी आपको काफी फायदा हुआ है?

मंत्री का जबाव- निश्चित रुप से, पिछली सरकार भाजपा की सरकार 15 साल रही। उन्हें मालूम था कि चुनाव के परिणाम के बाद उन्हें सत्ता में नहीं आना है। पर्दे के पीछे कोई वजह रही होगी ।15 प्रतिशत के ऊपर आपको रिनोउल करना पड़ेगा। सारे भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के विरोध के बावजूद भी उसको हमने स्वीकार नहीं किया उसको हमने तोड़ा और वो रिनुएल 15 प्रसेंट की बजाय 20 प्रसेंट कर दिया। जिससे तीन-चार सौ करोड़ का उससे सीधा-सीधा हमारा राज्य कर बढ़ा।जिसे आज हम आम आदमी के हित में खर्च कर पा रहे हैं।

सवाल- जनता को राहत देने वाले काम किए और जो बचोलिए थे उनको भी काफी हद तक नस्तानबूत कर दिया है?

मंत्री का जबाव- देखिए अगर हम एक्साईज की बात करें तो 15 साल जो सरकार थी जो आज एक्साइजस को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करती हैं। मैं आपके माध्यम से पूछना चाहता हूं कि, 15 साल में 14 साल 8 महीने में आप उन्हीं हाथों को कुचलवाते रहे। जिनकी आज वकालत कर रहे हो। 4-5 महीने जो बंद हुआ उसमें पूरा दो नंबर का काम शुरु हो गया था। जो पैसा सरकार के खजाने में आना चाहिए था वो बीच के बचौलियों में बंटने लगा। इससे पहले भी बंटता रहा। उस पर हमने कड़ी नगरानी रखते हुए अंकुश लगाने का काम किया। जो शर्मिंदगी सड़क के ऊपर हमारी मां बहनों को महसूस होती थी कि दुकान के सामने साइकिल के ऊपर गाड़ी के ऊपर शराब पीना शुरु कर देता है। उसको हमने बंदिश लगाकर विधिवत बैठने की व्यवस्था की। अच्छी जगह बैठने को दी।सरकार रुलस के मुताबिक हो। जो पैसा बचौलिए खाते तो वो पैसा हमने सरकार के खजाने में डालने का काम किया। ये परमिट हमने दोबारा उन हाथों में दिया। इससे सरकार का पैसा बचना शुरु होगा।


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सवाल- पंजीयन में भी आपने टैक्स कम किए?
मंत्री का जबाव- पंजीयन में 20 परसेंट जो क्लेक्टर गाइडलाइन का हमने घटाया। अगर क्लेक्टर गाइडलाइन से ऊपर की रजिस्टरी होती है, शहरी क्षेत्र की होती है तो 5.1 परसेंट उसपर भी घटाया। अगर ग्रामीण क्षेत्र की रजिस्टरी होती है तो 2. 1 परसेंट उस पर भी घटाया। पारिवारिक जो बंटवारे होते थे ढाई परसेंट फीस लगती थी उसे घटाकर 0. 5 परसेंट पर हमने किया। यदि हम अपनी पत्नी को, बेटी को, मातृशक्ति को स्वामित्व देना चाहते हैं तो उस पर 1 परसेंट टैक्स लगता था, उसके घटाकर मात्र 1100 रुपए कर दिया। जो आपस में भाईयों के बंटवारे में पैसा 1 परसेंट देना पड़ता था उसको घटाकर हमने मात्र 500 रुपए कर दिया है। 50 साल पुराना या 60 साल पुराना मकान है। उस पर नए मकान के रेट वसूल किए जाते थे उस को घटाकर 50 परसेंट छूट देने का काम किया। नए मकान की रजिस्टरी शहर में, कृषि विभाग, कृषि क्षेत्र में होती 10 हजार देना पड़ता था। उसको भी घटाकर हमने 1000 रुपए किया। इस तरह हर तरफ से आम आदमी को राहत देने का काम किया है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इतना सब सुविधाएं देने के बावजूद भी हमारा राजस्व घटा नहीं बल्कि बढ़ा है।

सवाल- आपने बहुत अच्छा काम किया था जब केंद्र सरकार ने जीएसटी के अंदर भेदभाव किया था तो आपने उस समय आपने सभी नान बीजेपी गवर्नमेंट को इक्टठा किया और केंद्र से मांग करी?

मंत्री का जबाव- केवल मध्यप्रदेश का सवाल नहीं । जो जीएसटी जल्दबाजी में लाया गया, मनमोहन सिंह के नाम न हो जाए , मोदी जी का नाम हो जाए उस चक्कर में रातों रात फाइनल कर दिया गया। उस पर अच्छी डिबेट नहीं हुई। उस पर सार्थक निर्णय भी नहीं हो पाए। हड़बड़ी में जीएसटी लागू किया गया। जिसका ही भी दुष्प्रभाव है कि हमें एक नहीं कई निर्णय करने पड़ते हैं। ये नियम के तहत तय है कि हर दो माह में राज्य का पैसा केंद्र वापस करेगा। लेकिन मार्च का हमारा 133 करोड़ रुपया बकाया, अप्रैल-मई का 1508 करोड़ रुपए बकाया। इसके बाद सितंबर-अक्तूबर का लगभग डेढ़ हजार करोड़ रुपए बकाया। ये पैसा नहीं मिल रहा था तब हमने सामूहिक रुप से संघर्ष किया। इसके बाद हमने मिलकर, लिखकर उसके बाद हमें दो माह का पैसा 1508 करोड़ रुपए हमें मिला है। आज भी डेढ़ हजार करोड़ रुपए से ऊपर पैसा हमारा लेना बनता है।



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आप हमें मनरेगा का पैसा नहीं दे रहे हो, आप हमें पेयजल का पैसा नहीं दे रहे हो, आप हमें कृषि क्षेत्र का पैसा नहीं दे रहे हो, अभी जो अतिवृष्टि हुई है उसकी राहत का पैसा नहीं दे रहे हो। और भी कई योजनाएं हैं जिनमें केंद्र से सहायता मिलती है। आंगनबाड़ी हो, लेकिन जीएसटी तो हमारा अधिकार है। अगर वो पैसा भी हमें नहीं दे रहे हो तो आप क्या मध्यप्रदेश को बर्बाद करना चाहते हो। आपके 28-28 सांसद भाजपा के केंद्र में बैठे हैं। जो मध्य प्रदेश की जनता के आशिर्बाद की बदौलत बैठे हैं। वहां बैठकर वो तालियां बजाते हैं कि अच्छा है कि केंद्र सरकार मध्य प्रदेश को पैसा नहीं दे रही और यहां आकर कमलनाथ जी के सामने नगाड़ा बजाने का काम करते हैं फिर कि मध्य प्रदेश की सरकार काम नहीं कर रही है। ये तो फिर दोहरा चरित्र है अब आम नागरिक जागरुक हो गया है। चाहे फेस बुक के माध्यम से हो, चाहे चैनलों व अखबार के माध्यम से अब जागृति लोगों में आ गई है। खासकर युवा वर्ग ये समझने लगा है। तो ये दो चरित्र वाले लोगों को मध्यप्रदेश की जनता आने वाले कल में कभी माफ नहीं करेगी। वो ऐसे नेता को आगे लाने का काम करेंगी जो ऐसी परिस्थितियों में भी मध्यप्रदेश के पहिए को आगे बढ़ा रहा है। गरिबों के हित के लिए योजनाएं भी चला रहा है।

बच्चियों की शादी के लिए 51 हजार देने का काम कर रहा है। 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली दे रहा है और हिन्दों स्तान की नहीं दूनिया की अलग-अलग देशों से निवेश लाने का काम वो भी बगैर किसी प्रचार-प्रसार और बहुत विज्ञापन न देते हुए हो रहा है। वो माननीय कमलनाथ के नेतृत्व में हो रहा है।  लोग इस बात को समझ रहे हैं और आने वाला कल मध्यप्रदेश के लिए स्पर्ण मध्य प्रदेश के लिए रास्ता खोल रहा है।

 

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