Edited By meena, Updated: 11 Dec, 2019 12:42 PM

मध्य प्रदेश में छतरपुर के बकस्वाहा स्थित बंदर हीरा खदान बिड़ला ग्रुप को मिली है। बुधवार को खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने बताया कि नीलामी में सबसे ज्यादा बोली लगाकर कुमार मंगलम बिड़ला समूह की कंपनी एस्सेल माइनिंग...
भोपाल(इजहार हसन खान): मध्य प्रदेश में छतरपुर के बकस्वाहा स्थित बंदर हीरा खदान बिड़ला ग्रुप को मिली है। बुधवार को खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने बताया कि नीलामी में सबसे ज्यादा बोली लगाकर कुमार मंगलम बिड़ला समूह की कंपनी एस्सेल माइनिंग ने सफलता पा ली है। यह खदान बिड़ला ग्रुप को 50 साल की लीज़ पर दी गई है। इस खदान पर बिड़ला ग्रुप को 2 साल के भीतर काम चालू करना होगा। सरकार को हर साल 1500 करोड़ का राजस्व मिला है और करीब 23 हजार करोड़ रुपए (30.5 फीसदी हिस्सेदारी और 11.50 फीसदी रॉयल्टी) का राजस्व मिलेगा।

बता दें कि सरकार ने छतरपुर के बकस्वाहा की हीरे की खदान के लिए ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया की थी। इस प्रक्रिया में देश की नामी कंपनियां अडानी, रूंगटा व बिड़ला ग्रुप शामिल हुईं थीं।

गौरतलब है कि, सरकार ने वर्ष 2007 में डायमंड कंपनी रियोटिंटो को खदान का सर्वे सौंपा था। इसमें शर्त रखी गई थी कि कंपनी खदान से निकलने वाला हीरा निर्यात नहीं कर सकेगी और हीरे की कटिंग और पॉलिशिंग मध्य प्रदेश में ही करनी होगी। इसमें कंपनी को मुनाफा नहीं दिखा, तो कंपनी ने प्रोजेक्ट छोड़ दिया था। तब से खदान बंद थी। इस शर्त को एक बार फिर से रखा जा रहा था, लेकिन कंपनियों ने जब कोई खास रुचि न दिखाई तो यह शर्त हटा दी गई।