Edited By Himansh sharma, Updated: 05 Dec, 2025 02:39 PM

मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के अंजुमन इस्लामिया स्कूल में गुरुवार को उस समय हंगामा मच गया
जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के अंजुमन इस्लामिया स्कूल में गुरुवार को उस समय हंगामा मच गया, जब लेट आने पर 4 बच्चों—3 छात्राओं और 1 छात्र—को क्लास से बाहर निकालकर दूसरी मंजिल की संकरी बालकनी में लगभग आधे घंटे तक हाथ ऊपर कर खड़ा रखा गया।
परिजनों का आरोप है कि बालकनी की रेलिंग बेहद छोटी थी, और जरा-सी चूक होने पर बच्चे नीचे गिर सकते थे। यह मामला सोशल मीडिया पर वीडियो आने के बाद गरमाता गया और BJP अल्पसंख्यक मोर्चा ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी आपत्ति दर्ज कराई।
“बच्चे गिर जाते तो जिम्मेदारी कौन लेता?” – BJP अल्पसंख्यक मोर्चा
मुज्जमिल अली ने बताया कि टीचर साबिया ने बच्चों को केवल 10 मिनट लेट आने और क्लासवर्क पूरा न करने के चलते यह खतरनाक सजा दी।
उन्होंने कहा—
यह मासूम बच्चों की जान से खिलवाड़ है। अगर हादसा होता तो जवाबदेही किसकी होती? उन्होंने यह भी याद दिलाया कि हाल ही में इसी स्कूल में एक पंखा गिरने से बच्चा घायल हुआ था, लेकिन तब भी कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। भाजपा जल्द ही स्कूल प्रबंधन के खिलाफ डीईओ से शिकायत करेगी।
पहले भी विवादों में रहा है अंजुमन स्कूल
कुछ महीने पहले स्कूल ने अचानक आदेश जारी कर शुक्रवार को छुट्टी और रविवार को स्कूल खुला रखने का फैसला किया था। इस फैसले को BJP ने “तुगलकी फरमान” बताते हुए विरोध किया। शिक्षा विभाग ने हस्तक्षेप कर आदेश निरस्त करवाया था।
शिक्षा विभाग ने दी जांच की जिम्मेदारी
डीईओ घनश्याम सोनी ने कहा कि बच्चों को दी जाने वाली सजा सुरक्षित दायरे में होनी चाहिए। बालकनी जैसी जगह पर सजा देना पूरी तरह गलत है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
स्कूल प्रबंधन का बयान
अंजुमन इस्लामिया स्कूल के अध्यक्ष अन्नू अनवर ने कहा कि वीडियो देखा गया है और सारा मामला उनकी जानकारी में आ चुका है। “यह स्पष्ट किया जा रहा है कि ऐसी स्थिति क्यों बनी और बच्चों को बालकनी में क्यों खड़ा किया गया।”