Edited By meena, Updated: 25 Mar, 2020 06:17 PM
दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस से जहां दिन व दिन कई लोगों की जान जा रही है वहीं इससे आम जन जीवन प्रभावित हो रहा है। लॉक डाउन से एक तरफ लोगों का इस बीमारी से बचाव हो रहा है वहीं दूसरी तरफ इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरे भी देखने को मिल रही...
होशंगाबाद(गजेन्द्र राजपूत): दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस से जहां दिन व दिन कई लोगों की जान जा रही है वहीं इससे आम जन जीवन प्रभावित हो रहा है। लॉक डाउन से एक तरफ लोगों का इस बीमारी से बचाव हो रहा है वहीं दूसरी तरफ इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरे भी देखने को मिल रही है। होशंगाबाद जिला कृषि प्रधान है और गेहूं उत्पादन में प्रदेश में नंबर वन पर है। इन दिनों गेहूं की फसल पक कर कटाई के लिए तैयार है। लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप का असर किसानों की खून पसीने की गेहूं की फसल पर देखने को मिला है। किसानों की गेहूं की फसल की कटाई होना है लेकिन कोरोना वायरस के चलते जिले को लॉकडाउन कर दिया है अब 14 अप्रैल जिले में धारा 144 लागू रहेगी है। ऐसे में लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। तो फिर किसान अपने गेहूं की खड़ी फसल की कैसे कटाई कर पाएगा ।
इसे देखते हुए किसानों ने प्रशासन और सरकार से अपील की है कि गेहूं की फसल पक कर तैयार है किसानों को गेंहू कटाई की अनुमति दी जाए। किसानों को कोरोना वायरस में भी खेतों की रखवाली करना पड़ रहा है। उनको डर बना रहता है कि हमारी फसल सही सलामत कट पाएगी या नहीं। किसानों का कहना है कि अगर समय पर गेहूं कटाई नहीं हुई तो बड़ा नुकसान हो सकता है। सरकार व प्रशासन से अपील है कि गेंहू कटाई व परिवहन करने की परमिशन दें जिससे कि हम अपनी फसल को सुरक्षित ला सकें।
आपको बता दें कि वर्ष 2019 में नरवाई की आग के तांडव ने पांजरा कला गांव सहित जिले भर में तबाही मचा दी थी। आग में हजारों एकड़ गेहूं की खड़ी फसल जलकर खाक हो गई थी। वहीं आग से करीब दो दर्जन से भी ज्यादा लोगों झुलस गए थे। आगजनी कई मौतें भी हो गई थी। दर्जनों मकान भी जलकर खाक हो गए थे।