Edited By meena, Updated: 28 Aug, 2019 01:25 PM
मध्यप्रदेश में इंदौर के एक निजी अस्पताल की लापरवाही में मोतियाबिंद ऑपरेशन के दौरान 15 मरीजों की एक-एक आंख की रोशनी जाने के मामले में एक नया मोड़ आया है। इसमें ऑपरेशनों को अंजाम देने वाले एक डॉक्टर के दस्ताने में नए बैक्टीरिया के संक्रमण का खुलासा...
इंदौर: मध्यप्रदेश में इंदौर के एक निजी अस्पताल की लापरवाही में मोतियाबिंद ऑपरेशन के दौरान 15 मरीजों की एक-एक आंख की रोशनी जाने के मामले में एक नया मोड़ आया है। इसमें ऑपरेशनों को अंजाम देने वाले एक डॉक्टर के दस्ताने में नए बैक्टीरिया के संक्रमण का खुलासा हुआ है। यह बैक्टीरिया परमार्थ अस्पताल के अप्रयुक्त सर्जिकल दस्ताने की प्रयोगशाला जांच में मिला है।
हालांकि, इस खुलासे के बाद मामलें में विरोधावास पैदा हो गया है क्योंकि संक्रमित सर्जिकल दस्ताने में मिले बैक्टीरिया की प्रजाति उस बैक्टीरिया से अलग है जिसका संक्रमण शुरुआती जांच में मरीजों की प्रभावित आंख में पाया गया था।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रवीण जड़िया ने मंगलवार को जानकारी दी कि शहर के एक सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की जांच में इंदौर नेत्र चिकित्सालय के एक अप्रयुक्त सर्जिकल दस्ताने में स्टैफायलोकोकस ऑरियस नाम का बैक्टीरिया मिला है।
जड़िया ने यह भी बताया, निजी क्षेत्र की एक कंपनी का निर्मित यह सर्जिकल दस्ताना उसी बैच नंबर का है, जिस बैच नंबर के दस्तानों का इस्तेमाल इंदौर नेत्र चिकित्सालय में पांच अगस्त और आठ अगस्त को हुए मोतियाबिंद ऑपरेशनों में किया गया था।