Edited By meena, Updated: 23 Jan, 2023 02:48 PM
बाघ से कुत्तों को खतरा होने की बात तो आम है, लेकिन यह सुनकर आप भी चौंक जाएंगे कि कुत्ते बाघों के लिए जानलेवा हो सकते हैं। जी हां आप सही समझ रहे हैं। देश में बाघों को कुत्तों से खतरा पैदा हो गया है...
छतरपुर(राजेश चौरसिया) : बाघ से कुत्तों को खतरा होने की बात तो आम है, लेकिन यह सुनकर आप भी चौंक जाएंगे कि कुत्ते बाघों के लिए जानलेवा हो सकते हैं। जी हां आप सही समझ रहे हैं। देश में बाघों को कुत्तों से खतरा पैदा हो गया है। जिसके चलते अब टाइगर रिजर्व के आसपास के गांव में रह रहे आवारा कुत्तों का बंध्याकरण और टीकाकरण किया जाएगा। पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र अंतर्गत आस-पास के गांव में कुत्तों का वैक्सिनेशन पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन के द्वारा किया जाएगा जिसको लेकर प्रबंधन के द्वारा तैयारिया की जा रही है। देखे इस रिपोर्ट में...
बता दें कि कुत्तों से टाइगर और वन्यजीवों को बीमारी फैलने का खतरा, वन्यजीवों के शिकार का खतरा पैदा हो गया है। यही नहीं कुत्तों के अपनी नस्ल के जंगली जानवरों से प्रजनन का खतरा भी पैदा हो गया है। केनाइन डिस्टेम्पर डिजीज नामक वायरस से बाघों को खतरा है जो कुत्तों से फैलने वाला एक वायरस, कैनाइन डिसटेंपर वायरस (सीडीवी) बाघों के लिए खतरा बन गया है। पूर्व में इस वायरस को बाघों में चिन्हित भी किया गया है। जानकारों का मानना है कि यह वायरस इतना खतरनाक है कि अगर ये टाइगर रिजर्व में फैल जाए तो बाघों के संरक्षण पर गंभीर असर पड़ सकता है।
कुत्तों से बाघ तक बीमारी पहुंचने के मामले काफी पहले सामने आ चुके हैं। पन्ना नेशनल पार्क में पूर्व में कुत्तों से पहुंची बीमारी के चलते बाघ की मौत भी हो चुकी है। पन्ना टाइगर रिजर्व के डॉक्टर संजीव गुप्ता का कहना है कि हम डे बाई डे हमारे आस-पास के गांवों में पाए जाने वाले कुत्तों का टीकाकरण करेंगे। जिससे कुत्तों में केनाइन डिस्टेंपर व अन्य 7 बीमारियों की रोकथाम के लिए टीकाकरण किया जाएगा। इसके बाद उस पर टीकाकरण का कार्य भी प्रारंभ कर दिया जाएगा।