शहडोल में शिक्षा विभाग की खुली कलई! कांग्रेस और भाजपा दोनों ने उठाए सवाल, विधानसभा में अब स्कूलों का खर्च आएगा कटघरे में

Edited By meena, Updated: 22 Jul, 2025 07:12 PM

education department exposed in shahdol scam of lakhs in paint

शहडोल जिले में शिक्षा के नाम पर किए गए खर्च पर अब प्रदेश की विधानसभा में तीखे सवाल उठ रहे हैं...

शहडोल (कैलाश लालवानी) : शहडोल जिले में शिक्षा के नाम पर किए गए खर्च पर अब प्रदेश की विधानसभा में तीखे सवाल उठ रहे हैं। लाखों रुपये की पेंटिंग के नाम पर फर्जी भुगतान और स्कूलों में बिना काम के भारी-भरकम बिलों ने सरकार के लिए चिंता की लकीरें खींच दी हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस बार सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस दोनों दलों के विधायक एक ही सुर में शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं।

ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक शरद जुगलाल कोल और बदनावर से कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत ने स्कूल शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर विधानसभा में तारांकित प्रश्न पूछे हैं, जिनके उत्तर 6 अगस्त 2025 को मानसून सत्र में प्रस्तुत किए जाएंगे। इन दोनों सवालों ने शहडोल जिले के शिक्षा विभाग में बीते वर्षों में किए गए करोड़ों के व्यय पर व्यापक जांच और जवाबदेही की मांग खड़ी कर दी है।

पेंट घोटाले से उठा विवाद

कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत ने अपने प्रश्न क्रमांक 2157 के माध्यम से खुलासा किया कि शहडोल जिले के ब्यौहारी विकासखंड के दो स्कूलों में केवल 24 लीटर ऑइल पेंट के लिए 3 लाख 38 हजार रुपये का भुगतान कर दिया गया। जबकि यह कार्य मात्र 12 से 15 हजार रुपये में संभव था। उन्होंने सवाल उठाया कि जब कोई वास्तविक पेंट कार्य नहीं हुआ, तो इतनी बड़ी राशि का भुगतान कैसे और किस आधार पर किया गया? विधायक ने यह भी पूछा कि क्या दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई की गई, कितनी राशि वसूल की गई और क्या उनके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज किया गया?

PunjabKesari

भाजपा विधायक ने खोली 10 वर्षों की फाइलें

भाजपा विधायक शरद कोल ने प्रश्न क्रमांक 2289 के जरिए शिक्षा विभाग से वर्ष 2015-16 से लेकर 2024-25 तक शहडोल जिले के सभी हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों को शासन से प्राप्त धनराशि का विद्यालयवार, मदवार, भुगतानवार, कार्यवार विवरण मांगा है। उन्होंने पूछा कि इस अवधि में मिली राशि का उपयोग किन-किन कार्यों और सामग्री की खरीद में हुआ, किसने निरीक्षण किया, भुगतान कैसे हुआ, बिल-वाउचर, एजेंसी का नाम और भुगतान की विधि क्या थी? यह सारी जानकारी विधानसभा में पेश की जाए।

उनका कहना है कि शासकीय स्कूलों में मरम्मत, उपकरण खरीदी और अन्य योजनाओं के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च हुए, लेकिन इसका जमीन पर कोई ठोस प्रमाण नहीं है। कहीं फर्नीचर नहीं दिखा, कहीं रंग-रोगन नहीं हुआ, और कहीं उपकरण नहीं पहुंचे। इससे यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या यह राशि सही जगह खर्च हुई या फिर घोटाले की भेंट चढ़ गई?

DEO और JD से मांगा गया जवाब

शहडोल के जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) फूल सिंह मरपाची और संयुक्त संचालक (JD) उमेश कुमार धुर्वे से विधानसभा प्रश्नों का उत्तर तैयार कर 28 जुलाई 2025 तक भेजने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि बिल, वाउचर, निरीक्षण रिपोर्ट और भुगतान प्रमाण नहीं मिले, तो राशि की वसूली और जिम्मेदारों पर कार्रवाई तय मानी जाएगी। JD उमेश कुमार धुर्वे ने स्वीकार किया कि विधायक द्वारा विस्तृत जानकारी मांगी गई है और यह जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी से प्राप्त कर एकत्रित की जा रही है। जैसे ही समस्त विवरण आएगा, उसे विधानसभा सचिवालय को भेजा जाएगा।

PunjabKesari

विधानसभा में गूंजेगा शहडोल घोटाला

इस बार का विधानसभा सत्र शिक्षा विभाग के लिए कठिन साबित हो सकता है। कांग्रेस और भाजपा दोनों के विधायकों के सवालों ने यह साफ कर दिया है कि शिक्षा के नाम पर राशि के दुरुपयोग को अब नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। यदि सही जवाब नहीं मिले, तो शिक्षा विभाग के अधिकारियों और बाबुओं के खिलाफ एफआईआर, निलंबन और वसूली की प्रक्रिया तेज हो सकती है।

जनता की निगाहें विधानसभा पर

इस मामले में जनता की निगाहें अब विधानसभा में सरकार द्वारा दिए जाने वाले जवाबों पर टिकी हैं। यदि जांच में भ्रष्टाचार सिद्ध होता है, तो यह प्रदेशभर में शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा कर सकता है। यह मामला सिर्फ दो स्कूलों या एक जिले तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे प्रदेश में स्कूलों में खर्च हुई राशि की पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर व्यापक बहस छेड़ सकता है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!