Edited By Himansh sharma, Updated: 27 Dec, 2025 01:04 PM

छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले के ग्राम पंचायत बफरा में प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं।
खैरागढ़। (हेमंत पाल): छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले के ग्राम पंचायत बफरा में प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। आवास की किस्त डलवाने के नाम पर रोजगार सहायक राजेश कुमार साहू द्वारा ग्रामीणों से पैसे की मांग किए जाने का आरोप सामने आया है। ग्रामीणों का कहना है कि योजना का लाभ पाने के लिए उनसे अवैध रूप से रकम मांगी जा रही है, जो सीधे तौर पर पंचायती राज व्यवस्था और सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है।
ग्रामीणों की नाराजगी यहीं खत्म नहीं होती। पंचायत सचिव दिनेश टांडेकर, जो कि मूल रूप से झूलाकला पंचायत के सचिव हैं और बफरा पंचायत का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं, पंचायत में नियमित रूप से आते ही नहीं। ग्रामीणों का कहना है कि सचिव को वे जानते तक नहीं, क्योंकि वे पंचायत भवन में दिखाई ही नहीं देते। नतीजा यह है कि छोटे-छोटे कामों के लिए भी ग्रामीणों को बार-बार भटकना पड़ता है।
ग्रामीणों का आरोप है कि एक ओर सचिव की गैरमौजूदगी से पंचायत के काम ठप पड़े हैं, वहीं दूसरी ओर रोजगार सहायक द्वारा पैसों की मांग कर प्रधानमंत्री आवास जैसी जनकल्याणकारी योजना को बदनाम किया जा रहा है। इससे गरीब और जरूरतमंद परिवारों में गहरा आक्रोश है।
हालांकि इस पूरे मामले में ग्राम पंचायत की सरपंच सरोजिनी लाहरे ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है। सरपंच का कहना है कि उनके पंचायत में अब तक इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है और कुछ लोग जानबूझकर पंचायत की छवि खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि पंचायत की ओर से किसी भी हितग्राही से पैसे की मांग नहीं की गई है।
अब बड़ा सवाल यह है कि
अगर आरोप सही हैं तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई कब होगी? और अगर आरोप गलत हैं तो ग्रामीणों में फैली नाराजगी की असली वजह क्या है?
प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे संवेदनशील मामले में उठे इन सवालों ने प्रशासन की भूमिका को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है। अब देखना होगा कि जिला प्रशासन इस पूरे मामले की जांच कर सच्चाई को सामने लाता है या नहीं।