MBBS Counselling 2022: विवादों में घिरी काउंसलिंग, OBC छात्र को ईडब्ल्यूएस कोटे की सीट कर दी आवंटित

Edited By Devendra Singh, Updated: 16 Nov, 2022 03:09 PM

ews quota seat allotted to obc student in mbbs counselling 2022

छत्तीसगढ़ में शिक्षा चिकित्सा संचालनालय (directorate of health education) में इन दिनों हो रही काउंसलिंग लगातार विवादों के घेरे में हैं।

रायपुर (सतेंद्र शर्मा): शिक्षा चिकित्सा संचालनालय (directorate of health education) में इन दिनों हो रही काउंसलिंग लगातार विवादों के घेरे में हैं। अब एमबीबीएस की काउंसलिंग (counselling of MBBS) में एक ओबीसी छात्र (OBC Student) को ईडब्ल्यूएस कोटे की सीट (seat of Economically Weaker Sections) आवंटित कर दी गई है। जब छात्र कॉलेज में एडमिशन लेने पहुंचा, तब स्कूटनी कमेटी ने उसे अपात्र घोषित कर दिया। छात्र एडमिशन के लिए भटक रहा है। वह सालभर के लिए काउंसलिंग में शामिल होने के लिए अपात्र हो गया है। यही नहीं 2 ओबीसी छात्र ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत मेरिट में शामिल हो गए हैं। प्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में 1 दिन में पीजी के अलावा एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन के लिए काउंसलिंग चल रही है। 

पीजी में गलत बोनस नंबर से बने टॉपर को प्रवेश नहीं

पीजी की काउंसलिंग में भी बड़ा विवाद सामने आया था। जब काउंसलिंग कमेटी ने एक छात्र को नीतीश से ज्यादा बोनस नंबर देकर टॉपर बना दिया था। इसमें भी अधिकारियों का दावा था कि गलती नीट की ओर से हुई है। जबकि छात्र का दावा था कि गलती सॉफ्टवेयर की थी। उन्होंने बोनस नंबर इतना भरा ही नहीं था। छात्र गलती से टॉपर जरूर रहा ,लेकिन उन्होंने दस्तावेजों को सत्यापन कराया और ना ही कहीं एडमिशन लिया छात्र को रेडियो डायग्नोसिस जैसी महत्वपूर्ण विषय मिला था। 

छात्र का अपग्रेडेशन ही नहीं हुआ

पिछले साल भी बीडीएस आवंटन में एक छात्र का अपग्रेडेशन नहीं किया था। बाद में छात्र ने हाईकोर्ट की शरण ली। छात्र को हाईकोर्ट ने एक सीट बढ़ाकर एडमिशन देने का आदेश दिया। इसके बाद नेशनल मेडिकल एडमिशन से मार्गदर्शन मांगा। वहां से अनुमति मिलने के बाद छात्रा को एक निजी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया गया। वहां 150 के बजाय 151 एडमिशन हुआ। इस साल वहां 149 सीटों पर एडमिशन हो रहा है। आखिरकार ज्यादा सीटों पर एडमिशन देने का यह संभवत देश का पहला मामला है। 

चिप्स ने मापअप राउंड कराने के लिए किया था इंकार

पिछले साल बीबीएस की काउंसलिंग चिप्स करवा रही थी। 2 राउंड की काउंसलिंग के बाद कितने मापअप राउंड कराने से इंकार कर दिया था। इसके बाद डीएमई कार्यालय को काउंसलिंग करवानी पड़ी। यही नहीं अपग्रेडेशन और मापअप राउंड के लिए कई छात्रों का नाम भी चीफ ने छोड़ दिया था। जिसके बाद जुड़वाया गया। काउंसलिंग में लगातार गड़बड़ी होने के बाद इस साल एमबीबीएस की काउंसलिंग डीएमई कार्यालय कर रहा है। 

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