Edited By Vikas Tiwari, Updated: 11 Dec, 2025 03:04 PM

नवा रायपुर में अगले महीने आयोजित होने वाले रायपुर साहित्य उत्सव 2026 से पहले प्रदेश के सभी जिलों में महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के लिए कविता और कहानी लेखन प्रतियोगिताएँ शुरू होने जा रही हैं। प्रतियोगिताओं का उद्देश्य युवाओं को लेखन के प्रति...
रायपुर (पुष्पेंद्र सिंह): नवा रायपुर में अगले महीने आयोजित होने वाले रायपुर साहित्य उत्सव 2026 से पहले प्रदेश के सभी जिलों में महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के लिए कविता और कहानी लेखन प्रतियोगिताएँ शुरू होने जा रही हैं। प्रतियोगिताओं का उद्देश्य युवाओं को लेखन के प्रति प्रोत्साहित करना और छत्तीसगढ़ की समृद्ध साहित्यिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुँचाना है।
30 दिसंबर तक जमा करनी होगी कविता-कहानी
प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विद्यार्थी अपनी स्वरचित, मौलिक और अप्रकाशित कविता या कहानी 30 दिसंबर 2025 तक संबंधित जिले के नोडल अधिकारी के कार्यालय में जमा कर सकते हैं। निर्धारित तिथि के बाद प्राप्त प्रविष्टियाँ प्रतियोगिता में शामिल नहीं होंगी।
प्रतियोगिता के नियम
- कविता न्यूनतम 8 छंदों की होनी चाहिए
- कहानी अधिकतम 1200 शब्दों में टंकित हो
- प्रविष्टियाँ मौलिक व अप्रकाशित हों
- प्रतिभागी किसी महाविद्यालय/विश्वविद्यालय का विद्यार्थी हो
- आयु 40 वर्ष से कम होनी चाहिए
- कॉलेज ID या प्राचार्य का प्रमाणपत्र अनिवार्य
- प्रविष्टि पर आवश्यक रूप से लिखें: “युवा हिंदी कविता-कहानी लेखन प्रतियोगिता”
जिला स्तर पर आकर्षक पुरस्कार
- पहला पुरस्कार: ₹5,100
- दूसरा पुरस्कार: ₹3,100
- तीसरा पुरस्कार: ₹1,500
- प्रोत्साहन पुरस्कार: तीन पुरस्कार, ₹1,000–₹1,000
- जिला स्तर के प्रथम विजेताओं को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में स्थान मिलेगा।
राज्य स्तर के पुरस्कार
- पहला पुरस्कार: ₹21,000
- दूसरा पुरस्कार: ₹11,000
- तीसरा पुरस्कार: ₹7,000
- प्रोत्साहन पुरस्कार: तीन पुरस्कार, ₹5,100–₹5,100
उत्सव में किया जाएगा सम्मान
राज्य स्तरीय विजेताओं की घोषणा जनवरी 2026 में होगी। पुरस्कृत प्रतिभागियों को 23–25 जनवरी 2026 को नवा रायपुर में आयोजित रायपुर साहित्य उत्सव के मंच पर सम्मानित किया जाएगा। चयनित कविताओं और कहानियों का संकलन प्रकाशित किया जाएगा, जिसका विमोचन भी उत्सव में होगा। इस पहल का मुख्य लक्ष्य है कि युवाओं में रचनात्मक लेखन को बढ़ावा देना, स्थानीय साहित्यिक प्रतिभाओं को मंच देना, छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक-साहित्यिक पहचान को मजबूत बनाना।