Edited By meena, Updated: 28 Jul, 2019 03:03 PM
कमलनाथ सरकार ने एसटीएफ टीम को व्यापमं महाघोटाले की जांच 3 महीने में पूरी करने समय दिया है। एसटीएफ ने सरकार के निर्देश के बाद पेंडिंग शिकायतों को चिन्हित कर एफआईआर करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। अब 3 महीने में कई बड़े राजनेताओं और नौकरशाहों के नाम...
भोपाल: कमलनाथ सरकार ने एसटीएफ टीम को व्यापमं महाघोटाले की जांच 3 महिने में पूरी करने समय दिया है। एसटीएफ ने सरकार के निर्देश के बाद पेंडिंग शिकायतों को चिन्हित कर एफआईआर करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। अब 3 महीने में कई बड़े राजनेताओं और नौकरशाहों के नाम बेनकाब हो जाएंगे। भले ही इस मामलें की जांच सीबीआई कर रही है लेकिन अब एसटीएफ ने भी घोटाले से जुड़ी पेंडिंग शिकायतों की जांच में तेजी ले आई है। गृहमंत्री बाला बच्चन के निर्देश के बाद एसटीएफ ने पूरा एक्शन प्लान तैयार कर लिया है।
व्यापमं महाघोटाले की जांच का एक्शन प्लान
व्यापमं घोटाले की जांच के लिए एसटीएफ के 20 अधिकारियों और कर्मचारियों की स्पेशल टीम बनाई गई है। पेंडिंग 197 शिकायतों में 100 शिकायतों को चिन्हित कर एफआईआर की कार्रवाई की जा रही। दर्ज होने वाली 100 एफआईआर में करीब 500 लोगों को आरोपी बनाया जाएगा। इन चिन्हित शिकायतों की जांच में शिवराज सरकार के कई मंत्री, आईएएस और आईपीएस अफसरों के नाम सामने आए हैं।
197 पेंडिंग शिकायतों की जांच में तेजी
अब तक सीबीआई ने 197 शिकायतें एसटीएफ को वापस भेज दी थी। इनमें से कुछ शिकायतें पेंडिंग पड़ी हुई थी। जिन्हें अब कमलनाथ सरकार के निर्देश पर खोला गया है, लेकिन सदन में मामला उठने के बाद गृहमंत्री बाला बच्चन ने जांच में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। वहीं सरकार से मिले टारगेट को पूरा करने के लिए अब एसटीएफ के अफसर जुट गए हैं। ये लंबित शिकायतें साल 2014 से 2015 के बीच की बताई जा रही है।