Edited By Devendra Singh, Updated: 01 Feb, 2022 06:15 PM

शाजापुर के मदाना गांव के जगदीश सिंह सिसोदिया एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके यहां दो बैल राम और श्याम थे। बैलों के मरने पर सिसोदिया परिवार ने विधि विधान से काम करवाया।
शाजापुर (सुनील): अजब एमपी की गजब कहानी यूं तो मध्यप्रदेश में बहुत सुनी होगी। ऐसी एक कहानी से हम आपको रूबरू करा रहे हैं। यहां एक पशु प्रेमी किसान ने अपने खेतों में हल चलाने वाले राम और श्याम बैलों की मौत पर 13वीं का आयोजन किया और भी पूरे विधि विधान के साथ। वहीं बैलों की अंतिम यात्रा से लेकर 13वीं तक का पूरा कार्यक्रम धूमधाम से करवाया गया। किसान ने भंडारे का आयोजन किया, जिसमें आसपास के 10 से 12 गांव के ग्रामीणों को खाना भी खिलवाया और दान भी दिया।
परिवार के सदस्य के सामान थे दोनों बैल: किसान
शाजापुर के मदाना गांव के जगदीश सिंह सिसोदिया एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके यहां दो बैल राम और श्याम थे। बैलों के मरने पर सिसोदिया परिवार ने विधि विधान से काम करवाया। सिसोदिया परिवार के पास सभी मशीनरी उपलब्ध होने के बाद भी इस युग में वह बैलों को पालने और उनके मरने पर इस तरह का कार्यक्रम करके पशु प्रेम का अनोखा उदाहरण पेश कर रहे हैं। किसान जगदीश सिंह ने बताया कि राम और श्याम बैलों की जोड़ी उनके परिवार के सदस्य जैसी थी। उन दोनों के जाने के बाद किसान जगदीश काफी दुखी है।