Edited By meena, Updated: 06 Dec, 2025 07:20 PM

मध्य प्रदेश के सीहोर जिले से रिश्तों की मर्यादा और इंसानियत को नई परिभाषा देती एक मिसाल सामने आई है। गंज निवासी सुरेंद्र राठौर एवं नकुल राठौर ने अपने दिवंगत छोटे भाई की पत्नी का...
सीहोर (धर्मेंद्र राय) : मध्य प्रदेश के सीहोर जिले से रिश्तों की मर्यादा और इंसानियत को नई परिभाषा देती एक मिसाल सामने आई है। गंज निवासी सुरेंद्र राठौर एवं नकुल राठौर ने अपने दिवंगत छोटे भाई की पत्नी का पुनर्विवाह कराकर समाज के सामने एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। भाइयों ने न केवल भाई बनकर अपनी बहू के प्रति जिम्मेदारी निभाई, बल्कि विवाह की सभी रस्में स्वयं निभाकर मानवता की मिसाल कायम की।
जानकारी के अनुसार, राठौर परिवार के सबसे छोटे बेटे रजत राठौर का विवाह सागर निवासी प्रतिभा राठौर से हुआ था। विवाह को अभी महज 9 महीने ही बीते थे कि अचानक हार्ट अटैक आने से रजत का असामयिक निधन हो गया। कम उम्र में विधवा हुई प्रतिभा का भविष्य संकट में आ गया, लेकिन परिवार ने उसे सहारे के बजाय अकेला छोड़ने के बजाय नई जिंदगी देने का फैसला किया।

रजत के बड़े भाई सुरेंद्र राठौर और नकुल राठौर ने समाज की रूढ़ियों से ऊपर उठते हुए बहू के पुनर्विवाह की पहल की। विवाह समारोह में दोनों भाइयों ने खुद भाई बनकर हर धार्मिक और सामाजिक रस्म निभाई। इस दौरान ससुराल पक्ष ने कन्यादान कर बहु को बेटी की तरह विदा किया, और गृहस्थी का संपूर्ण सामान उपहार स्वरूप भेंट किया।

मीडिया से बातचीत में ससुराल पक्ष ने कहा,“रजत के निधन के बाद से ही प्रतिभा के भविष्य की चिंता हमें सताती रही। हमने तय किया कि उसे जीवन में आगे बढ़ने का पूरा अधिकार मिलना चाहिए। आज हमें बहुत सुकून है कि हमने उसका पुनर्विवाह कराया। हमें विश्वास है कि यह पहल समाज में एक सकारात्मक संदेश देगी।” यह आयोजन केवल एक विवाह नहीं, बल्कि एक सोच का परिवर्तन है। जहां समाज अक्सर विधवा महिलाओं को अकेलेपन की ओर धकेल देता है, वहीं राठौर परिवार ने यह साबित कर दिया कि इंसानियत, संवेदना और कर्तव्य ही सच्चे रिश्ते होते हैं।