Edited By Vikas Tiwari, Updated: 03 Dec, 2025 08:06 PM

विश्व विकलांग दिवस पर सोमवार को सृष्टि स्पेशल स्कूल, रोहिणीपुरम तालाब, रायपुर में सुरूज ट्रस्ट द्वारा विशेष बच्चों के लिए ‘उड़ान हमारी’ चित्रकला कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विशेष बच्चों की कलात्मक क्षमता को उजागर करने और उनके परिवारों...
रायपुर (पुष्पेंद्र सिंह): विश्व विकलांग दिवस पर सोमवार को सृष्टि स्पेशल स्कूल, रोहिणीपुरम तालाब, रायपुर में सुरूज ट्रस्ट द्वारा विशेष बच्चों के लिए ‘उड़ान हमारी’ चित्रकला कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विशेष बच्चों की कलात्मक क्षमता को उजागर करने और उनके परिवारों को मार्गदर्शन प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में विशेष कलाकार स्पर्श ने 30 से अधिक बच्चों को रंगों की दुनिया से परिचित कराया। उन्होंने बच्चों को अपनी कल्पनाओं, भावनाओं और सोच को कागज पर उतारने के लिए प्रेरित किया। बच्चों के साथ उपस्थित अभिभावकों ने भी पूरे उत्साह के साथ गतिविधियों में भाग लिया।
परिवारों के लिए काउंसलिंग सत्र रहा विशेष आकर्षण
इस कार्यशाला की खासियत परिवारों के लिए आयोजित काउंसलिंग सत्र रहा। इसका संचालन श्रीमती संगीता धुरंधर और मिनेश साहू ने किया। कार्यक्रम में सुरूज ट्रस्ट के सदस्य शकील रिजवी (बस्तर), राहुल सिंधी, सुधीर आज़ाद तम्बोली और हिमानी वासनिक भी शामिल हुए। काउंसलिंग में माता-पिता ने अपने बच्चों की शिक्षा, व्यवहार, दिनचर्या और मानसिक विकास से जुड़े सवाल पूछे। विशेषज्ञों ने बच्चों की जरूरतों और परिवार की भूमिका पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया। यह संदेश दिया गया कि विशेष बच्चों की सबसे बड़ी ताकत उनका परिवार है, जो धैर्य और सकारात्मकता के साथ उन्हें सामान्य जीवन की ओर ले जा सकता है।
‘समान अवसर ही स्वस्थ समाज की नींव’- दीप्ति ओग्रे
सुरूज ट्रस्ट की अध्यक्ष दीप्ति ओग्रे ने कहा ‘एक स्वस्थ समाज का निर्माण तभी संभव है, जब हर व्यक्ति को समान अवसर मिले। मानसिक विकलांगता को लेकर आज भी समाज में जागरूकता की कमी है। कम IQ होने पर बच्चों को ‘पागल’ कह देना सबसे बड़ी सामाजिक भूल है। हर समस्या का समाधान हमारे आसपास मौजूद है, बस समझ की जरूरत है।’ उन्होंने आगे कहा कि विश्व विकलांग दिवस के अवसर पर ‘उड़ान हमारी’ जैसी पहल शुरू करके ट्रस्ट ने इसे हर साल मनाने का संकल्प लिया है। यह कार्यक्रम न सिर्फ बच्चों की कला को उभारने, बल्कि परिवारों में जागरूकता और सहयोग की भावना विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।