Edited By Devendra Singh, Updated: 11 Dec, 2022 03:18 PM

बैतूल के सरकारी तालाब में रह रहे मगरमच्छ को ग्रामीणों ने रेस्क्यू कर लिया। इसके बाद वन विभाग की टीम पकड़े गए मगरमच्छ को लेकर नदी की ओर रवाना हो गई है।
बैतूल (विनोद पातरिया): सालीमेट गांव के तालाब में मगरमच्छ (crocodile in pond) का बचाव टीम ने रेस्क्यू (rescue team) कर लिया है। जिसके बाद ग्रामीणों ने रेस्क्यू करके मगरमच्छ वन विभाग के हवाले कर दिया है। सालीमेट गांव के सरकारी तालाब (government pond) में नवम्बर में मगरमच्छ दिखाई दिया था। जिस पर ग्रामीणों ने मगरमच्छ को पकड़ने के लिए STRF की टीम को वन विभाग के अधिकारियों ने सूचना दी थी। वन विभाग की सूचना के बाद सतपुड़ा टाईगर रिजर्व (satpura tiger reserve) और वन विभाग (forest department) की टीम सालीमेट तालाब पर पहुंची थी।
25 नवंबर को पहली बार देखा गया था मगरमच्छ
मगरमच्छ को पकड़ने के लिए मशक्कत की। लेकिन टीम को सफलता नहीं मिल पाई। अब तालाब में मौजूद मगरमच्छ को ग्रामीणों ने ही रेस्क्यू कर पकड़कर वन विभाग और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की टीम को सौंप दिया। तालाब में 25 नवंबर को पहली बार कृषक विजय उइके ने मगरमच्छ को देखा था। तालाब में पानी अधिक हाेने की वजह से मगरमच्छ ग्रामीणों की पहुंच से बाहर था था। इसके बाद उसे पकड़ने के लिए जाल लगाकर उसके फंसने का इंतजार किया गया।
मगरमच्छ को लेकर नर्मदापुरम रवाना हुई टीम
जब किसानों और ग्रामीणों को मगरमच्छ दिखाई दिया तो वन विभाग को सूचना दी गई। ग्रामीणों ने जाल की मदद से मगरमच्छ को पकड़ लिया और वन विभाग के सुपुर्द कर दिया। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की टीम मगरमच्छ को लेकर नर्मदापुरम रवाना हो गई है।
मगरमच्छ को पकड़ने के लिए हुए थे 2 प्रयास
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (satpura tiger reserve) की टीम ने जाल से मगरमच्छ को पकड़ने के लिए दो बार प्रयास किया था। लेकिन तालाब मे अधिक पानी होने के चलते सफलता नहीं मिली। इसके बाद पानी खाली करने के लिए बुलडोजर से नाली बनाई गई थी। कुछ दिन तक मगरमच्छ नजर ही नहीं आया। जैसे ही वह दिखाई दिया ग्रामीणों के सहयोग से वन विभाग ने उसे जाल में दबोच लिया। तालाब में मगरमच्छ की मौजूदगी से ग्राम और आसपास के लोग दहशत में थे। ग्रामीणों का कहना है कि तालाब में 2 मगरमच्छ देखे गए थे, जिसमें से एक ही पकड़ा गया है। पकड़े गए मगरमच्छ की लंबाई 5 फुट है। जबकि एक मगरमच्छ 8 फुट लंबाई का देखा गया था।