Edited By meena, Updated: 26 Apr, 2025 05:55 PM

बुरहानपुर जिले के धुलकोट क्षेत्र में अप्रैल के अंतिम सप्ताह ने जल संकट की भयावह तस्वीर सामने ला दी है...
बुरहानपुर (राजू सिंह) : बुरहानपुर जिले के धुलकोट क्षेत्र में अप्रैल के अंतिम सप्ताह ने जल संकट की भयावह तस्वीर सामने ला दी है। धधकती धरती और आसमान से बरसती आग ने नदी-नालों को तो पहले ही सूखा दिया था, अब बड़े-बड़े तालाब भी प्यास से दम तोड़ने लगे हैं। कुम्हार नाला तालाब, जो कभी पानी से लबालब भरा रहता था, अब चुल्लू भर पानी में सिमट आया है।
तालाब के सूखने से ग्रामीणों के जीवन में हड़कंप मच गया है। विगत तीन दिनों से सैकड़ों ग्रामीण सुबह होते ही तालाब में उतर रहे हैं। मच्छरदानियों, जाल और हाथों के सहारे मछलियां पकड़ने की होड़ मची हुई है। दूर से देखने पर यह दृश्य किसी कुंभ स्नान जैसा नजर आता है, लेकिन यह आस्था नहीं, जीवन की जद्दोजहद का संग्राम है।
सूखते पानी में तड़पती मछलियों को ग्रामीण बड़े जतन से पकड़ रहे हैं। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं सभी इस संघर्ष का हिस्सा बने हुए हैं। कोई छोटी मछलियां पकड़ रहा है, तो कोई जाल में भरकर मछलियों का जखीरा निकाल रहा है। यह नजारा भूख, जरूरत और बचपन की जिज्ञासा का एक जीवंत चित्र पेश कर रहा है।
धुलकोट ही नहीं, आसपास के ईटारिया, भगवानिया और झिरपांजरिया गांवों के तालाब भी इसी संकट का सामना कर रहे हैं। भूमिगत जलस्त्रोत भी तेजी से नीचे जा रहे हैं। मई-जून में धुलकोट क्षेत्र में भीषण जल संकट गहराने का खतरा मंडराने लगा है। ग्रामीणों के चेहरों पर चिंता की लकीरें साफ झलकने लगी हैं।