छतरपुर: हरिजन छात्रावास में छात्रा ने लगाई फांसी, विरोध में छात्राओं ने किया रोड़ जाम

Edited By Jagdev Singh, Updated: 21 Nov, 2019 02:42 PM

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जिले के हरिजन छात्रावास अपनी बदहाली को लेकर हमेशा चर्चा में रहे हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि इन छात्रावासों में पदस्थ अधीक्षक 24 घंटे छात्रावास में नहीं रहते हैं। छात्रावास के अधीक्षकों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगातार लगते रहे हैं। वहीं आदिम...

छतरपुर (कीर्ति राजेश चौरसिया): जिले के हरिजन छात्रावास अपनी बदहाली को लेकर हमेशा चर्चा में रहे हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि इन छात्रावासों में पदस्थ अधीक्षक 24 घंटे छात्रावास में नहीं रहते हैं। छात्रावास के अधीक्षकों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगातार लगते रहे हैं। वहीं आदिम जाति कल्याण विभाग के डीईओ आरपी भद्रसेन मामले को हमेशा दबाकर अधीक्षकों से नाजायज वसूली करते आ रहे हैं। इसी कारण अधीक्षकों ने छात्र/छात्राओं को दी जाने वाली सुविधाओं में कटौती कर दी।

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इस संबंध में कई बार छात्र- छात्राओं ने छतरपुर कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा, लेकिन अभी तक इन भ्रष्ट अधीक्षकों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। इससे इनके हौसले बुलंद हैं। इसी का परिणाम हुआ कि अनुसूचित कन्या सीनियर छात्रावास में चंदेरा की रहने वाली छात्रा रिचा अहिरवार जो कि कक्षा 11वींं में पढ़ती थी, उसने छात्रावास के अधीक्षक के चोरी का आरोप लगाने से आहत होकर आत्महत्या कर ली। जिसका विरोध छात्राओं ने महोबा रोड स्थित नेशनल हाइवे पर जाम लगाकर शुरु कर दिया। वहीं इस घटना की खबर पूरे शहर में बहुत तेजी से फैल गई, जिससे दलित वर्ग के लोगों में काफी आक्रोश देखा गया है।

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वहीं इसके बाद प्रशासन के सभी अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच चुके थे, लेकिन यह मामला काफी तूल पकड़ता जा रहा था। वहीं छात्रा के परिवार के लोगों को भी इसकी सूचना दे दी गई है।और परिवार के लोग भी मौके पर पहुंच गए हैं। छात्रावास की अधीक्षिका सुशीला पाठक का छात्राओं के प्रति व्यवहार ठीक नहीं था। जिसके चलते कई बार छात्राओं ने अधीक्षिका की शिकायत भी की थी, लेकिन सुशीला पाठक 4 हॉस्टलों का अतिरिक्त प्रभार लिए हुए हैं और डीईओ को हर महीने पहले से ही तय रकम देती हैं। इसलिए डीईओ ट्राइवल अधीक्षिका के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते हैं।

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वहीं इस मामले की कई संगठनों ने निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व मुुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस अधीक्षिका को औचक निरीक्षण के दौरान निलंबित किया था। परंतु अपने पावर और रुतवे के चलते यह 4 छात्रावासों का प्रभार लिए हुए है और छात्राओं को हमेशा प्रताड़ित करती है।

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छतरपुर जिले के तत्कालीन प्रभारी सचिव जेएन कंसोटिया ने भी कन्या छात्रावास का औचक निरीक्षण किया था तब भी इस अधीक्षिका की शिकायत छात्राओं ने गुप्त रूप से प्रभारी सचिव से की थी। परंतु अधीक्षिका अपने पावर और पैसे के दम पर 4 छात्रावासों का प्रभार लेकर छात्राओं की मूल सुविधाओं को वंचित करती आ रही है। आदिमजाति कल्याण विभाग के डीईओ आरपी भद्रसेन पूरे जिले के छात्रावासों से हर महीने सुविधा शुक्ल लेकर छात्रावास अधीक्षकों को मनमानी करने की छूट दिए रहते हैं।

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