Edited By Vikas kumar, Updated: 26 Nov, 2018 02:21 PM
एक तरफ शिवराज सिंह मध्यप्रदेश को स्पोर्टस हब बनाना चाहते हैं तो दूसरी तरफ प्रदेश में स्पोर्टस की हालत खराब है। हम बात कर रहे हैं नसरुल्लागंज में रहने वाली अंकिता माचवे की जिसका सप...
सीहोर: एक तरफ शिवराज सिंह मध्यप्रदेश को स्पोर्टस हब बनाना चाहते हैं तो दूसरी तरफ प्रदेश में स्पोर्टस की हालत खराब है। हम बात कर रहे हैं नसरुल्लागंज में रहने वाली अंकिता माचवे की जिसका सपना अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलना था। लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण उसका सपना अभी तक अधूरा है। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री भी वादा करके मुकर गए नहीं तो प्रदेश को भी एक मेरकॉम मिल जाती।
सीहोर के नसरुल्लागंज नगर से पहली बार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में पावर लिफ्टिंग में अंकिता माचवे का चयन हुआ था, जहां अंकिता ने सिल्वर मैडल जीता और उसे अंतर्राष्ट्रीय खेलने का मौक़ा मिला। जिसके लिए अंकिता को मंगोलिया जाना था। लेकिन इसकी आवेदन फीस 1 लाख 75 हजार रुपए थी, जिसे चुका पाने में अंकिता का परिवार सक्षम नहीं था। इसके लिए उसके परिजनों ने मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की और शिवराज ने यह वादा पूरा करने की बात भी कही थी लेकिन वे एसा नहीं कर पाए।
नसरुल्लागंज में रहने वाली अंकिता का कहना है कि, जैसे एक छोटी सी जगह से निकलकर मेरीकॉम ने देश का नाम दुनिया भर में रोशन किया और देश को गोल्ड मैडल दिया। ऐसे ही उसका भी सपना है कि, वो भी मध्य प्रदेश और देश का नाम रोशन करे, लेकिन सरकार की सहायता मुझे नहीं मिली। इसके बाद अंकिता ने कहा कि, जब मुख्यमंत्री शिवराज यहां आये थे, तब भाषण के दौरान उन्होंने कहा था हम कुछ करेंगे, लेकिन बाद में जब उनसे मिली तो उन्होंने किसी भी सहायता से इंकार कर दिया।
वहीं बुधनी से कांग्रेस प्रत्याशी अरुण यादव ने सरकार के इस रवैये का विरोध करते हुए इस सरकार की नाकामी बताया है। यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि, 'जिस बुधनी की जनता ने शिवराज सिंह को इस लायक बना दिया कि वो अपने बेटे को विदेश पढ़ा रहे हैं मगर उसी बुधनी वि.स.की भांजी (अंकिता माचवे) से झूठे वादे कर उसके सपनों पर पानी फेर दिया,परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नही खेल पाईं।'