CBI का बड़ा खुलासा! पुलिस ने बंशी गुर्जर की जगह रामपुरा थाने में बंद व्यक्ति को मारा था, 35 लाख में हुई थी फर्जी एनकाउंटर की डील!

Edited By meena, Updated: 25 Jul, 2025 06:03 PM

instead of banshi gurjar a person lodged in rampura police station was killed

वर्ष 2009 में नीमच जिले में हुए बंशी गुर्जर फर्जी एनकाउंटर के मामले में सीबीआई नई दिल्ली की टीम को...

नीमच (मूलचंद खींची) : वर्ष 2009 में नीमच जिले में हुए बंशी गुर्जर फर्जी एनकाउंटर के मामले में सीबीआई नई दिल्ली की टीम को महत्वपूर्ण जानकारी मिली और सीबीआई ने इसे अपने रिकार्ड में लिया है। बंशी गुर्जर की जगह जिस व्यक्ति को बेसला घाट पर फर्जी एनकाउंटर में मारा था, वह रामपुरा थाने में बंद व्यक्ति ही था। जिसकी पहचान सीबीआई ने कर ली है। अब सीबीआई ने इस फर्जी एनकाउंटर में शामिल 18 पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है।

रामपुरा थाने पर ही काम करने वाले व्यक्ति ने की पहचान

जानकारी के अनुसार, रामपुरा थाने में काम करने वाले एक व्यक्ति ने मृतक की पहचान की है और सीबीआई ने उसके बयान दर्ज किए। उसके बयान के मुताबिक थाने में बंद एक पागल जैसे दिखने वाले व्यक्ति को प्रेस किए दूसरे कपड़े पहनाए गए।

पुलिस ने ही व्यक्ति को मारा

जांच में इस बात की भी पुष्टि हुई है कि थाने में बंद व्यक्ति को पुलिस वालों ने ही मारा था। उसे बंशी गुर्जर का रूप दिया गया। उसे मारकर उसकी जेब में बंशी गुर्जर का पहचान पत्र रखा। बंशी गुर्जर से 35 लाख रूपए की डील की गई थी।

इनके खिलाफ हुआ हत्या का मुकदमा दर्ज

बड़वानी एएसपी अनिल पाटीदार, इंदौर क्राइम ब्रांच में पदस्थ मुख्तियार कुरेशी, धार डीएसपी विवेक गुप्ता, टीआई मंगलसिंह पपोला, प्रधान आरक्षक श्यामलालसिंह, वेणीराम, आरक्षक अनोखलीलाल, अनवर, भगवानसिंह, फतेहसिंह, मनुरव्दीन, कमलेंद्र, सैय्यद उवेश अली, चर्तुभुज गुर्जर के खिलाफ धारा 302, 120 बी, 119,193 व 201 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। ये सभी फरार है। आरोपी अनिल पाटीदार, मुख्तियार कुरैशी, विवेक गुप्ता ने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन लगाए थे, जो हाईकोर्ट इंदौर से निरस्त हो चुके है। ये सभी ड्यूटी से भी गायब है।

अब तक तीन गिरफ्तार

इस मामले में डीएसपी व तत्कालीन रामपुरा थाना प्रभारी ग्लेडविन कार, नीमच के नीरज प्रधान और दुर्गाशंकर तिवारी गिरफ्तार हो चुके हैं। हाईकोर्ट से इनकी जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी है। याचिकाकर्ता पत्रकार मूलचंद खींची द्वारा इस मामले में तत्कालीन एसपी वेदप्रकाश शर्मा के खिलाफ भी हत्या का मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की है। क्योंकि एसपी वेदप्रकाश शर्मा के आदेश पर ही यह फर्जी एनकाउंटर हुआ था। उल्लेखनीय है कि इस मामले की जनहित याचिका पत्रकार मूलचंद खींची द्वारा माननीय इंदौर उच्च न्यायालय में लगाई थी। जिस पर वर्ष 2014-15 में सीबीआई की जांच के आदेश हुए है। सीबीआई ने अब तक की सबसे बड़ी सफलता इस प्रकरण में हासिल की है।

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