लोकसभा चुनाव में मोटी रकम मिलने का आरोप, जांच एजेंसियों के रडार पर कमलनाथ के करीबी

Edited By suman, Updated: 28 May, 2019 11:01 AM

kamal nath close to kamal nath on the radar of investigating agencies

लोकसभा चुनाव में  मिली करारी हार से कांग्रेस उभर भी नहीं पाई थी कि एमपी में पार्टी की मुश्किलें बढ़ाने वाला एक और नया मामला सामने आ गया। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के दस्तावेजों के अनुसार

भोपाल: लोकसभा चुनाव में  मिली करारी हार से कांग्रेस उभर भी नहीं पाई थी कि एमपी में पार्टी की मुश्किलें बढ़ाने वाला एक और नया मामला सामने आ गया। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के दस्तावेजों के अनुसार, हाल ही में खत्म हुए चुनाव के दौरान 11 कांग्रेस प्रत्याशियों को कथित तौर पर मोटी रकम ट्रांसफर की गई। इसके अलावा, यह भी आरोप है कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी को भी 20 करोड़ रुपये की रकम का भुगतान हुआ। इनकम टैक्स विभाग द्वारा इस मामले से जुड़ी रिपोर्ट्स और लिए गए बयान इलेक्शन कमिशन के पास भेजे गए हैं, जिन्हें अब सीबीआई को फॉरवर्ड कर दिया गया है। 

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जांच में हुए बड़े खुलासे 
बता दें, 7 अप्रैल 2019 को जिन लोगों के यहां छापे मारे गए, उनमें मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ से जुड़े 5 लोग भी शामिल थे।  सुत्रों के अनुसार,आईटी विभाग के जांचकर्ताओं ने लोगों के बयानों और खातों की जानकारी का मिलान किया। वॉट्सऐप चैट के जरिए पैसों के लेनदेन का भी पता लगाया। इसके अलावा, फोन पर हुई बातचीत भी रिकॉर्ड की। चुनाव आयोग के पास फोन पर हुई बातचीत के ट्रांसस्क्रिप्ट फिलहाल दाखिल नहीं किए गए हैं। आरोप है कि पैसे को विभिन्न प्रत्याशियों के इस्तेमाल के लिए डायवर्ट किया गया। चुनाव आयोग से 4 मई को लिखित में यह भी सिफारिश की गई है कि इस मामले में सीबीआई जांच की जाए।


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जांचकर्ताओं के रिकॉर्ड बताते हैं कि मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और 2019 में भोपाल से चुनाव लड़ रहे दिग्विजय सिंह उन प्रत्याशियों की सूची में टॉप पर हैं, जिन्हें तलाशी अभियान की जद में आए लोगों से चुनाव के लिए फंड मिले। आईटी विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, ये डिटेल्स एक ललित कुमार चलानी नाम के शख्स के कम्प्यूटर से मिली हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, चलानी एक अकाउंटेंट हैं जो मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के पूर्व सहयोगी आरके मिगलानी और प्रवीण कक्कड़ के साथ काम कर चुके हैं।

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दिग्विजय सिंह को 90 लाख रुपये मिले
आईटी विभाग के दस्तावेज के मुताबिक, लोकसभा प्रत्याशियों को चलानी के जरिए कथित तौर पर 25 से 50 लाख रुपये के बीच की रकम मिली। वहीं, दिग्विजय सिंह को 90 लाख रुपये मिले। आईटी विभाग के मुताबिक, इन भुगतान से जुड़ी रसीदें सिर्फ दो प्रत्याशियों के मामले में मिले। एक सतना से राजाराम प्रजापति जबकि दूसरे बालाघाट से मधु भगत। चुनाव आयोग की राय है कि लोकसभा प्रत्याशियों द्वारा चुनाव में खर्च रकम का लेखाजोखा जून के आखिर तक आएगा, इसलिए तभी कोई ऐक्शन लिया जा सकता है।

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