सोनिया के अध्यक्ष बनने के बाद कमलनाथ की बढ़ी ताकत, जल्द हो सकता है कैबिनेट विस्तार

Edited By Vikas kumar, Updated: 14 Aug, 2019 06:48 PM

kamal nath strength increases sonia president cabinet expansion happen soon

हाल में हुई कांग्रेस की CWC ( कांग्रेस वर्किंग कमेटी) की बैठक में सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया। वहीं, उनके अध्यक्ष बनने के बाद एक बार फिर गांधी परिवार के पुराने सिपहसलारों की राजनीति में वापसी हो गई है। भारत के पूर्व...

भोपाल: हाल में हुई कांग्रेस की CWC (कांग्रेस वर्किंग कमेटी) की बैठक में सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया। वहीं, उनके अध्यक्ष बनने के बाद एक बार फिर गांधी परिवार के पुराने सिपहसलारों की राजनीति में वापसी हो गई है। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को राज्य सभा भेजने के फैसले ने इन अटकलों पर मुहर लगा दी है। मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद काफी खुश दिखाई दे रहे हैं।

दरअसल, राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी में केवल युवा चेहरों को ही तवज्जो मिल रही थी। तवज्जो वाली यह बात कई वरिष्ठ नेताओं को खलती थी। आपको बता दें कि मप्र में चुनाव के समय सिंधिया का नाम सीएम पद और प्रदेश अध्यक्ष के लिए उछला था लेकिन यह केवल मात्र अटकले ही रहीं। पुराने मंजे हुए नेताओं ने सिंधिया की प्रदेश अध्यक्ष बनने की एंट्री पर ब्रेक लगा दिया। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह का नाम पावरफुल नेताओं में गिना जाता था लेकिन राहुल के समय वह पार्टी से लगभग साइडलाइन हो गए थे।

युवा चेहरों को अहमियत
लोकसभा चुनाव में हुई हार के बाद सीएम कमलनाथ कैबिनेट विस्तार का फैसला नहीं ले पा रहे थे। इसका एक बड़ा कारण राहुल के अध्यक्ष बनने के बाद विरष्ठ नेताओं की अपेक्षा युवा चेहरों को अहमियत मिल रही थी। अब इस्तीफे के बाद सोनिया के अध्यक्ष बनने के बाद पुराने नेताओं को संजवनी मिलने जैसा एहसास हो रहा है। विधानसभा चुनाव के समय कमलनाथ ने अपने पुराने साथियों का साथ पाकर सीएम का पद हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सिंधिया केंद्र में उस समय अकेले पड़ गए थे। वाबजूद इसके सिंधिया खेमे के मंत्री कमलनाथ को आंखे दिखाते रहे हैं। प्रद्युमन तोमर और सीएम कमलनाथ के बीच हुई गहमागमी इसका उदाहरण है।

सोनिया के अध्यक्ष बनने से कमलनाथ को उम्मीद
वहीं, सोनिया के कमान संभालने के बाद कमलनाथ काफी राहत महसूस कर रहे हैं। राजनीति पंडितों के अनुसार लोकसभा चुनाव में मिली हार और राहुल गांधी के अध्यक्ष रहते हुए कैबिनेट का विस्तार नहीं कर पा रहे थे। राहुल ने कमलनाथ के बेटे को जीतने के बाद बयान दिया थाकि जिसके बाद बाद यह बात उजागर हुई थी कि राहुल कमलनाथ से खफा चल रहे हैं। लेकिन अब सोनिया के पद संभालने के बाद कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को प्रदेश में ज्यादा तवज्जों मिलने की उम्मीद है।

 

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