Edited By Jagdev Singh, Updated: 03 Dec, 2019 12:03 PM

मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के नसरुल्लागंज क्षेत्र का गांव लाडकुई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कई बार डॉक्टरों के अभाव के कारण चर्चाओं में रहा है। इसलिए जहां मरीजों को झोलाछाप डॉक्टरों का सहारा लेना पड़ता है। करोड़ों की लागत से बना 20 बैड का सामुदायिक...
सीहोर: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के नसरुल्लागंज क्षेत्र का गांव लाडकुई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कई बार डॉक्टरों के अभाव के कारण चर्चाओं में रहा है। इसलिए जहां मरीजों को झोलाछाप डॉक्टरों का सहारा लेना पड़ता है। करोड़ों की लागत से बना 20 बैड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाडकुई एक बार फिर डॉक्टरों के अभाव में चर्चाओं में है। कई दिनों से डॉक्टर नहीं होने के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
लाडकुई आदिवासी बहुल क्षेत्र है। जहां पर आदिवासी समाज के लगभग 40-45 गांव पड़ते हैं। इन सभी गांवों का एकमात्र सहारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं। वहीं इस क्षेत्र में हमेशा ही डॉक्टरों का अभाव रहता है। पिछले 4-5 दिनों से कोई भी डॉक्टर नहीं होने के बावजूद यहां पर किसी अन्य डाॅक्टर की व्यवस्था नहीं की गई है। डॉक्टरों के अभाव के कारण मरीजों को इलाज के लिए नसरुल्लागंज स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता है जो यहां से 15 किलोमीटर दूर पड़ता है।

विभाग से जानकारी प्राप्त करने के बाद पता चला कि डॉक्टर लंबी छुट्टी पर गए हैं। डॉक्टर के अवकाश पर जाने के बाद तुरंत किसी अन्य डॉक्टर की व्यवस्था क्यों नहीं की गई यह बड़ा सवाल है। जब इस बात को लेकर नसरुल्लागंज ब्लॉक मेडिकल अधिकारी मनीष सारस्वत से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा हम डॉक्टरों की व्यवस्था कर रहे हैं।
