Edited By Himansh sharma, Updated: 10 Mar, 2025 07:26 PM

टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश के साथ-साथ देश के लिए बड़ी खुशखबरी है
भोपाल। टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश के साथ-साथ देश के लिए बड़ी खुशखबरी है। 10 मार्च को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश को 9वें टाइगर रिजर्व की सौगात दी। इसका नाम माधव टाइगर रिजर्व है। माधव टाइगर रिजर्व का आरक्षित वन क्षेत्र 32429.52 हेक्टेयर, संरक्षित वन क्षेत्र 2422.00 हेक्टेयर और राजस्व क्षेत्र 2671.824 हेक्टेयर है। इस प्रकार कुल क्षेत्र 37523.344 हेक्टेयर यानी 375.233 वर्ग किलोमीटर है। गौरतलब है कि देश के 20 फीसदी बाघ मध्यप्रदेश में पाए जाते हैं। साल 2022 की गणना के मुताबिक राज्य में बाघों की संख्या 785 है। बता दें, हर चार साल में केंद्र सरकार पूरे देश के बाघों की गणना करती है।
गौरतलब है कि, प्रदेश के 9 टाइगर रिजर्व में कान्हा टाइगर रिजर्व (1973), पेंच टाइगर रिजर्व (1992), पन्ना टाइगर रिजर्व (1993-94), बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (1993-94), सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (1999-2000), संजय टाइगर रिजर्व (2011), वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व (2023), रातापानी टाइगर रिजर्व (2024) और माधव टाइगर रिजर्व (2025) शामिल हैं। बता दें, प्रदेश का नया माधव टाइगर रिजर्व शिवपुरी जिले में है। यहां आने के लिए सबसे नजदीकी एयरपोर्ट झांसी और ग्वालियर हैं। इन दोनों ही शहरों में हर एक्सप्रेस ट्रेन भी रुकती है। झांसी और ग्वालियर से शिवपुरी की दूरी करीब 2 घंटे है।
जंगल बुक-मोगली से है इस टाइगर रिजर्व का संबंध
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व का संबंध द जंगल बुक से है। इस किताब को रूडयार्ड किपलिंग ने लिखा था। उनकी किताब पर बने कार्टून ने पूरे विश्व में तहलका मचा दिया था। किपलिंग को पेंच के जंगलों में एक ऐसा बच्चा मिला था, जो खूंखार जानवरों के साथ रहता था। इसी बच्चे को कार्टून कैरेक्टर मोगली के नाम से जाना जाता है। सरकार ने साल 1977 में 449.392 वर्ग किमी का क्षेत्र पेंच सेंक्चुरी घोषित किया। इसमें से, 292.857 वर्ग किमी का क्षेत्रफल साल 1983 में पेंच नेशनल पार्क घोषित किया गया। 118.473 वर्ग किमी पेंच सेंक्चुरी के रूप में रहा। साल 1992 में भारत सरकार ने नेशनल पार्क और सेंक्चुरी सहित 757.85 वर्ग किमी क्षेत्र को देश के 19वें टाइगर रिजर्व के रूप में घोषित किया। पेंच नेशनल पार्क और पेंच सेंक्चुरी का नाम बदलकर साल 2002 में इंदिरा प्रियदर्शिनी पेंच नेशनल पार्क और पेंच मोगली सेंक्चुरी कर दिया गया।