MP में लागू हुई नई स्कूल बैग पॉलिसी! कक्षा 1 से 12वीं तक के बच्चों के बस्ते का कम हुआ वजन

Edited By Devendra Singh, Updated: 16 Sep, 2022 03:26 PM

new school bag policy applicable in madhya pradesh

शिवराज मामा ने बस्ते का वजन कम करवाया है। दूसरी क्लास के बच्चों को होमवर्क नहीं मिलेगा।

भोपाल (विवान तिवारी): मध्य प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूलों के बच्चों को स्कूल बैग के बढ़ते हुए वजन से मध्यप्रदेश सरकार ने आराम दिया है। प्रदेश में स्कूल बैग पॉलिसी नए सिरे से लागू कर दी गई है। पहली से लेकर कक्षा 12वीं तक के बच्चों के बस्ते के वजन को अब तय कर दिया गया है। यही नहीं अब छात्र-छात्राओं को एक दिन बिना बैग के ही इस स्कूल आना होगा। वही इस राहत को लेकर के पंजाब केसरी ने 6 साल के आराध्य राठौड़ से बात की। इस छोटे से बच्चे ने अपने भारी-भरकम बैक को लेकर जो कुछ भी बताया वो बिल्कुल अलग था और इससे यह भी साफ समझा जा सकता है कि भारी बैग को लेकर के बच्चे कितना ज्यादा परेशान थे। 

आराध्य ने मामा को बोला थैंक्यू

बातचीत के दौरान आराध्य जिन्हे घर पर आरु कहा जाता है। उन्होंने कहा कि बस्ते का वजन शिवराज मामा ने कम कराया है, थैंक्यू शिवराज मामा। यही नहीं उसने यह भी बताया कि मुझे अपने बैग में काफी किताबें इसलिए भरकर लेकर जाना पड़ता है। क्योंकि कभी भी किसी भी विषय का पीरियड लग जाता है। ऐसे में मुझे कॉपी किताबों की जरूरत होती है और यही कारण है कि मेरा यह बैग इतना भारी हो जाता है।

थैंक्यू शिवराज सिंह मामा: आरु

पंजाब केसरी से बातचीत करने वाले आराध्य राठौड़ मात्र 6 साल के हैं। वह अभी 2 कक्षा में है और थोड़ी देर पहले वह अपने स्कूल से वापस आए थे। बातचीत के दौरान उन्होंने अपने भारी-भरकम बैग को अपने पास में ही रखा और सरकार के वजन कम कराने को लेकर के उन्होंने शिवराज मामा को थैंक्यू बोला। यही नहीं हर रोज आरू 4 किमी साइकिल चलाते हैं और वह कहते हैं कि कुछ बड़े लोगों का यह कहना है कि अगर हर रोज साइकल चलाया जाए तो पर्यावरण साफ होगा और ऐसे में जो सांस हम लेते हैं वो भी शुद्ध होगा।

कितना कम हुआ वजन 

सरकार के नई बैग पॉलिसी के अनुसार कक्षा पहली से 5वीं तक के बच्चों के बस्ते का वजन 1.6 किलो से 2.5 किलोग्राम होगा। 6वीं से 7वीं तक के छात्र-छात्राओं के स्कूल बैग का वजन 2 से 3 किलोग्राम रहेगा। आठवीं के बच्चों के स्कूल बैग का वजन 2.5 किलोग्राम से 4 किलोग्राम तक रहेगा। 9वीं-10वीं के बच्चों का वजन 2.5 से 4.5 केजी तक वजन रहेगा। राज्य सरकार और एनसीईआरटी के द्वारा तय की गई ही किताबों ही बच्चों के पाठ्यक्रम में शामिल किया है। 

नई पॉलिसी के मुताबिक महीने में एक दिन छात्र-छात्राएं बिना अपने बैग के स्कूल आएंगे। यही नहीं बच्चों के होमवर्क को लेकर भी भरी कटौती की गई है। कक्षा 1 से 2 तक के छात्र-छात्राओं को होमवर्क भी नहीं दिया जाएगा। कक्षा 3वीं से 5वीं तक सप्ताह में 2 घंटे और 6वीं से 8वीं तक हर दिन 1 घंटे और 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को हर दिन अधिकतम 2 घंटे का ही होमवर्क मिलेगा। सभी निजी स्कूल और सरकारी स्कूलों को अपने नोटिस बोर्ड पर बस्ते के वजन का चार्ट लगाना जरूरी होगा।

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