MP News: शाहपुर थाना पुलिस ने निभाया भाई का फर्ज, महिला की चेन और मंगलसूत्र लूटने वाले लुटेरों को महाराष्ट्र से किया गिरफ्तार

Edited By Himansh sharma, Updated: 18 Jul, 2024 11:25 AM

police caught the accused who robbed a woman s mangalsutra from maharashtra

बुरहानपुर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र में 2 जुलाई को महाराष्ट्र की एक महिला के साथ सनसनीख़ेज़ लूट की घटना घटित हुई थी

बुरहानपुर। (नितिन इंगले): मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र में 2 जुलाई को महाराष्ट्र की एक महिला के साथ सनसनीख़ेज़ लूट की घटना घटित हुई थी, बुलढाना जिले के ग्राम वरवट वकाल की रहने बाली अनुपमा गुड़गिला नामक एक महिला अपनी खाद बीज की दुकान का सामान लेने बुरहानपुर अपने निजी वाहन से आईं थीं, जब रात्रि क़रीब 10 बजे वह अपने ड्राइवर गजानन और घरेलू महिला कर्मी के साथ वापस अपने गांव जा रहीं थी। तब करौली घाट पर दो अज्ञात मोटर सायकल सवारों ने उनकी गाड़ी को रोक कर पिस्टल की नोक पर सोने की चेन और मंगलसूत्र छीन लिया था, जब रात दो बजे महिला घबराई हुई रिपोर्ट करने थाना शाहपुर आई तो TI शाहपुर अखिलेश मिश्रा ने न केवल रिपोर्ट दर्ज की, बल्कि रोती हुई महिला से कहा कि आप चिंता मत करो “आप हमारी बहन की तरह हो हम भाई की तरह आपकी मदद करेंगे”। 

PunjabKesariघटना के बाद मात्र छः-सात दिनों में ही शाहपुर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों को महाराष्ट्र से पता लगाकर पकड़ लिया महिला के ज़ेवरात बरामद कर लिए। घटना की प्रार्थिया अनुपमा को जब पता चला कि उनके ज़ेवरात बरामद हो गए हैं तो वे गदगद हो गईं।  उन्होंने थाने पर आकर बोला कि TI शाहपुर ने सही में भाई की तरह मेरी मदद की, वे अपने गांव से अपनी 75 वर्षीया मां को लेकर थाने आईं और थाना प्रभारी को शॉल, श्रीफल, और  शेगांव वाले गजानन महाराज की पादुका भेंट कर आभार व्यक्त किया । उनकी 75 साल की माँ ने जब थाना प्रभारी को गले लगाकर आशीर्वाद दिया तो थाना प्रभारी भी भावुक हो गए और उन्होंने भी माताजी के चरण स्पर्श कर लिए, थाने मे घटित इस हृदयस्पर्शी  वाक़ये ने उपस्थित सभी लोगों की आँखें नम कर दीं। सामान्य रूप से अपने रूखे व्यवहार के लिए पहचाने जाने वाली पुलिस का यह संवेदनशील रूप निश्चित तौर पर अनुकरणीय है। 

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 अनुपमा शाहपुर पुलिस की तारीफ़ करते नहीं थक रहीं थीं, उन्होंने कहा कि TI अखिलेश मिश्रा आज से उनके लिए पुलिस अधिकारी नहीं बल्कि हमेशा के लिये भाई बन गए हैं, उन्होंने मिश्रा को सपरिवार घर आने का निमंत्रण दिया जिसे उन्होंने स्वीकार करते हुए कहा कि जब भी समय मिलेगा वे बहन के हाथ का भोजन करने अवश्य आएँगे। भावनात्मक फ़िल्मी सीन की तरह घटित यह वाक़या बताता है कि संवेदना का जज़्बा सबके भीतर होता है, और सही अवसर पर वह व्यक्त भी होता है ।

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