Edited By meena, Updated: 28 Aug, 2020 06:16 PM

कोरोना महामारी के चलते निजी स्कूल बंद है, जिसका सीधा असर जहां बच्चों की पढ़ाई पर पड़ा है तो वहीं निजी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों के सामने भी रोजी रोटी का संकट गहरा रहा है। सेंधवा के एक निजी शिक्षक पिछले 6 माह से स्कूल बंद होने के चलते फुटपाथ पर...
बड़वानी(संदीप कुशवाहा): कोरोना महामारी के चलते निजी स्कूल बंद है, जिसका सीधा असर जहां बच्चों की पढ़ाई पर पड़ा है तो वहीं निजी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों के सामने भी रोजी रोटी का संकट गहरा रहा है। सेंधवा के एक निजी शिक्षक पिछले 6 माह से स्कूल बंद होने के चलते फुटपाथ पर कपड़ों की दुकान संचालित कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार हमारी मदद करें। हम बच्चों का भविष्य निर्माण करते हैं लेकिन अब हमारा ही भविष्य खतरे में नजर आ रहा है।
बड़वानी, जिले के सेंधवा की इंदिरा कॉलोनी में रहने वाले पेशे से शिक्षक जितेंद्र सिंह राठौर जो कि पिछले 10-12 सालों से निजी स्कूलों में शिक्षक की भूमिका अदा कर रहे थे लेकिन कोरोना महामारी के चलते मार्च माह से बंद हुए स्कूल अब तक शुरू नहीं खुले हैं। जिसके चलते जितेंद्र के सामने रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ।

अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए जितेंद्र ने रोजगार की तलाश में जुट गए। लेकिन जब कहीं कुछ नजर नहीं आया तो आखिरकार वह अब फुटपाथ पर कपड़ों की दुकान संचालित कर रहे हैं। जितेंद्र कहते हैं कि व्यवसाय करने का उनके पास अनुभव नहीं है। इसके लिए उन्हें दिक्कतें भी आ रही है। जितेंद्र सरकार से मांग करते हैं कि सरकार उनकी मदद करें ताकि वह अपने परिवार का भरण पोषण कर सके।