मप्र सूचना आयोग ने बुरहानपुर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया

Edited By PTI News Agency, Updated: 22 Sep, 2021 10:20 AM

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भोपाल, 21 सितंबर (भाषा) मध्य प्रदेश सूचना आयोग ने एक दुर्लभ कदम उठाते हुए बुरहानपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया और आयोग के निर्णय की निरंतर अवहेलना और गैरअनुपालन को लेकर स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के...

भोपाल, 21 सितंबर (भाषा) मध्य प्रदेश सूचना आयोग ने एक दुर्लभ कदम उठाते हुए बुरहानपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया और आयोग के निर्णय की निरंतर अवहेलना और गैरअनुपालन को लेकर स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के आयुक्त को ‘‘व्यक्तिगत रूप से’’ पेश होने के लिए कहा है।

सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने यह आदेश बुरहानपुर के निवासी दिनेश सदाशिव सोनवणे की एक अपील पर सुनवाई करते हुए दिया।

सोनवणे ने 10 अगस्त, 2017 को लोक सूचना अधिकारी (पीआईओ) विक्रम सिंह, सीएमएचओ, बुरहानपुर के पास एक आरटीआई आवेदन दायर किया था।

पीआईओ से कोई जवाब नहीं मिलने पर अपीलकर्ता ने पहली अपील दायर की जहां प्रथम अपीलीय अधिकारी (एफएओ) ने 7 अक्टूबर, 2017 को अपने फैसले में पीआईओ को सूचना प्रदान करने का निर्देश दिया था।

इसके बाद, अपीलकर्ता ने पीआईओ की निष्क्रियता से व्यथित होकर 22 मार्च, 2018 को राज्य सूचना आयोग (एसआईसी) में दूसरी अपील दायर की थी। एसआईसी ने अपील की सुनवायी के लिए उसके समक्ष पेश होने के लिए 2018 और इस साल फरवरी के बीच कई समन जारी किए।

सिंह द्वारा सोमवार को जारी एक आदेश में कहा गया है कि पीआईओ किसी भी सुनवायी में शामिल होने या समन के अनुपालन में कोई भी दस्तावेज पेश करने में बिना किसी उचित कारण या विधिसम्मत बहाने के विफल रहे।

एसआईसी ने 16 दिसंबर, 2020 के अपने फैसले में पीआईओ को अपीलकर्ता को सूचना प्रदान करने का निर्देश दिया था और बिना किसी उचित कारण के जानकारी से इनकार करने के लिए उन पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया था।

इसके अलावा, एसआईसी ने आयुक्त स्वास्थ्य को पीआईओ के खिलाफ लगाए गए जुर्माने की राशि की वसूली के लिए आवश्यक उचित कार्रवाई करने के लिए सूचित किया था जो संबंधित अनुशासनात्मक प्राधिकारी हैं , यदि वह आदेश प्राप्त होने की तारीख से एक महीने के भीतर इसे जमा करने में विफल रहते हैं तो।
सिंह ने अपने आदेश में कहा, ‘‘जुर्माना आदेश के गैरअनुपालन पर, एसआईसी ने फिर से 10 फरवरी, 2021 को एक आदेश जारी करके पीआईओ को जुर्माना राशि जमा करने का निर्देश दिया। हालांकि, पीआईओ ने एसआईसी के आदेश की अनदेखी और अवहेलना जारी रखी, जो एसआईसी के आदेश के अनुपालन से बचने के उनके इरादे को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।’’
इसमें कहा गया, 10 फरवरी, 2021 के आदेश में, एसआईसी ने फिर से आयुक्त स्वास्थ्य को पीआईओ के खिलाफ लगाए गए जुर्माने की वसूली के लिए कार्रवाई करने की सूचना दी थी। आदेश में कहा गया है, हालांकि, आज तक, पीआईओ के खिलाफ लगाए गए जुर्माने की वसूली सुनिश्चित की जानी बाकी है।
इसमें कहा गया, एसआईसी ने गौर किया कि पीआईओ ने जानबूझकर आयोग के फैसले की अवहेलना की है और "सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (आरटीआई अधिनियम) और मप्र सूचना का अधिकार (शुल्क और अपील) नियम, 2005 में निहित प्रावधानों का उल्लंघन किया है।
आदेश में कहा गया है कि एसआईसी का मानना ​​है कि पीआईओ और आयुक्त स्वास्थ्य का आचरण स्पष्ट रूप से पारदर्शी और जवाबदेह शासन बनाने के लिए संसद द्वारा पारित कानून की उदासीनता को दर्शाता है।

आदेश में कहा गया, एसआईसी इसके द्वारा पीआईओ सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बुरहानपुर के खिलाफ व्यक्तिगत रूप से आयोग के समक्ष उपस्थित होने और उसके आदेश के लगातार गैर अनुपालन के कारण बताने के लिए एक जमानती वारंट जारी करते हैं और वे यह सुनिश्चित करें कि यह आदेश प्राप्त होने के 15 दिन के भीतर लगाया गया जुर्माना आयोग के पास जमा किया जाए।



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