MP में दुग्ध क्रांति का बिगुल: सांची ब्रांड से बदलेगी किसानों की किस्मत, CM के इस काम से लाखों को मिलेगा रोजगार

Edited By Vikas Tiwari, Updated: 30 Dec, 2025 07:28 PM

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में दुग्ध उत्पादन को केवल कृषि गतिविधि तक सीमित न रखते हुए इसे औद्योगिक विस्तार का मजबूत आधार बनाया जाए। दुग्ध उत्पादन, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं, जो किसानों की आय...

भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में दुग्ध उत्पादन को केवल कृषि गतिविधि तक सीमित न रखते हुए इसे औद्योगिक विस्तार का मजबूत आधार बनाया जाए। दुग्ध उत्पादन, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं, जो किसानों की आय बढ़ाने में भी प्रभावी भूमिका निभाएंगी। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जिलों में समन्वित रूप से डेयरी गतिविधियों का संचालन करते हुए सांची ब्रांड का अधिकतम विस्तार किया जाए और सांची उत्पादों की ब्रांडिंग में गोवंश और गोपाल को जोड़ा जाए।

मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में मध्यप्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के बीच हुए एग्रीमेंट के अंतर्गत गठित राज्य स्तरीय संचालन समिति की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम स्तर तक गतिविधियां संचालित कर किसानों की दक्षता और क्षमता बढ़ाई जाए। उन्होंने दुग्ध संकलन व्यवस्था की सख्त निगरानी, दूध खरीदी में पारदर्शिता और उत्पादकों को समय-सीमा में नियमित भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने पीपीपी मॉडल पर निजी भागीदारी और डेयरी सहकारी समितियों के समन्वय से डेयरी गतिविधियों के विस्तार पर जोर दिया। साथ ही औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में डेयरी टेक्नोलॉजी आधारित प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम शुरू करने की बात कही, जिससे युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल सके।

बैठक में बताया गया कि NDDB के कार्यभार संभालने के बाद सांची ब्रांड पर लोगों का भरोसा बढ़ा है। दूध उत्पादकों को भुगतान के लिए 10 दिन का रोस्टर तय किया गया है। दुग्ध संघों द्वारा दूध खरीदी मूल्य में ₹2.50 से ₹8.50 प्रति लीटर तक की वृद्धि की गई है। अब तक 1241 नई दुग्ध सहकारी समितियां गठित की गई हैं और 635 निष्क्रिय समितियों को पुनः सक्रिय किया गया है। वर्ष 2029-30 तक 26 हजार गांवों में डेयरी सहकारी कवरेज, प्रतिदिन 52 लाख किलोग्राम दुग्ध संकलन, 35 लाख लीटर दुग्ध विक्रय और 63.3 लाख लीटर प्रसंस्करण क्षमता का लक्ष्य रखा गया है। शिवपुरी डेयरी संयंत्र को पुनः शुरू करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है, जबलपुर के पनीर प्लांट में ₹5 करोड़ का निवेश होगा, इंदौर में 30 मेट्रिक टन क्षमता का दूध पाउडर संयंत्र चालू हो चुका है और ग्वालियर डेयरी संयंत्र के सुदृढ़ीकरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

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