Edited By meena, Updated: 02 Jan, 2020 11:09 AM
एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लौंगोवाल ने मध्य प्रदेश सरकार पर प्रदेश में बसे सिखों की अनदेखी के आरोप लगाए हैं। उन्होंने सिखों की स्थिति की जांच के लिए तीन सदस्य कमेटी का गठन किया। अध्यक्ष ने कमेटी को मध्यप्रदेश का दौरा कर...
भोपाल: एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लौंगोवाल ने मध्य प्रदेश सरकार पर प्रदेश में बसे सिखों की अनदेखी के आरोप लगाए हैं। उन्होंने सिखों की स्थिति की जांच के लिए तीन सदस्य कमेटी का गठन किया। अध्यक्ष ने कमेटी को मध्यप्रदेश का दौरा कर गांवों की स्थिति पर एक रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
इस जांच कमेटी में एसजीपीसी के कार्यकारिणी सदस्य इंदर मोहन सिंह लखमीर वाला, एसजीपीसी सदस्य गुरचरण सिंह व कनिष्ठ सचिव तेजिंदर सिंह को शामिल किया गया है। लौंगोवाल जल्द ही इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मिलने जाएंगे।
एसजीपीसी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि एमपी के जिला श्योपुर की तहसील करहाल स्थित गांवों में प्रशासन ने सिखों के घर को तोड़ दिया है। फसलों को नष्ट कर दिया है। सिखों की जमीन पर कब्जा करने की साजिश रची जा रही है।
उन्होंने कहा कि एसजीपीसी पीड़ित परिवारों को न्याय दिलवाने के लिए उनके साथ खड़ी है। वे मामले की पूरी जानकारी जुटा रहे हैं ताकि प्रभावित सिखों की मदद की जा सके। लौंगोवाल के कहा कि बीते 30 वर्षों से सिख भाईचारा यहां रह रहा है। उन्हें दबाने की साजिश कर मुख्यमंत्री कमलनाथ का सिख विरोधी चेहरा सामने आ गया है।
उन्होंने कहा कि देश में अल्पसंख्यक सिखों की रक्षा करना केंद्र और राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है। लौगोंवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि मध्य प्रदेश की सरकार ने अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से नहीं निभाई। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि मध्य प्रदेश सरकार में सिखों से हो रही ज्यादती के खिलाफ सख्त कार्रावाई की जाए और पीड़ित परिवारों को इंसाफ दिलाया जाए।