Edited By meena, Updated: 22 May, 2020 04:20 PM
कर्तव्य पथ पर चलते हुए जबलपुर के युवा अफसर ने मानवता की एक ऐसी मिसाल कायम की है जिससे भारत का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश को एक नई ऊर्जा मिली है। उनके कार्य की तारीफ न केवल मध्य प्रदेश में हुई बल्कि सिक्किम के सीएम प्रेम सिंह तमांग ने भी की है। ये...
जबलपुर(विवेक तिवारी): कर्तव्य पथ पर चलते हुए जबलपुर के युवा अफसर ने मानवता की एक ऐसी मिसाल कायम की है जिससे भारत का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश को एक नई ऊर्जा मिली है। उनके कार्य की तारीफ न केवल मध्य प्रदेश में हुई बल्कि सिक्किम के सीएम प्रेम सिंह तमांग ने भी की है। ये वे अफसर है जिन्हें अस्वस्थ होने के चलते डॉक्टर ने घर में आराम करने की सलाह दी थी लेकिन उन्होंने मानवता की सेवा करने के लिए अपनी जिंदगी भी दाव लगाने के लिए रख दी। इस अफसर की कार्यशैली ऐसी थी कि उन्हें डॉक्टर ने 2 हफ्ते तक घर से बाहर न निकलने की सलाह दी थी और आराम करने को कहा था लेकिन उसने कर्तव्य पथ से न हटने का इरादा कर लिया और हार नहीं मानी और कोरोना महामारी के बीच वह लगातार कर्तव्य पथ पर जुटा रहा।
हम बात कर रहे हैं जबलपुर के गोरखपुर अनुभाग के एसडीएम आशीष पांडे की। ये वे अफसर हैं जो एमपीपीएससी 2013 की परीक्षा में पूरे मध्यप्रदेश में टॉपर थे और आज उन्होंने इस बात को सच भी साबित कर दिया कि वह हर परीक्षा में टॉप ही करेंगे बात ही कुछ ऐसी है। जहां कोरोना महामारी के बीच अपने सगे संबंधियों की मृत्यु होने पर भी लोग श्मशान घाट नहीं पहुंच पा रहे हैं, वहीं इस अफसर ने मानवता की सेवा के लिए ऐसा कदम उठाया कि मध्यप्रदेश के जबलपुर के साथ-साथ पूरे मध्य प्रदेश का नाम भारत में हो गया। आशीष पांडे ने जो काम किया उसके बाद खुद सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने एक पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पर लिखकर विशेष तौर पर जबलपुर एसडीएम आशीष पांडे की जमकर तारीफ की है।
अब इस तारीफ के पीछे कर्तव्य परायणता की वह कहानी भी आपको बता देते हैं गुजरात के वड़ोदरा से सिलिगुड़ी के लिए विशेष ट्रेन से रवाना हुई एक लेफ्टिनेंट की मध्यप्रदेश मे मौत हो गई थी. लेफ्टिनेंट चंद्रा सुब्बा को 17 मई को कटनी स्टेशन पहुंचने पर इलाज के लिए स्टेशन पर उतारा गया। इस अधिकारी का पहले प्राथमिक इलाज किया गया। उसके बाद भी जब हालत नहीं सुधरी तो उन्हें बेहतर इलाज के लिए जबलपुर रेफर किया गया। इससे पहले की वे जबलपुर के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल पहुंचते रास्ते में उनकी मौत हो गई। लेफ्टिनेंट चन्द्रा सुब्बा के साथ उनकी बहन बिष्णु माया सुब्बा भी यात्रा कर रही थीं।
जबलपुर पहुंचने पर कलेक्टर भरत यादव ने एसडीएम आशीष पाण्डे को अंतिम संस्कार और आगामी कार्यवाही का ज़िम्मा सौंपा। जिसके बाद एसडीएम ने एक परिवार के सदस्य के तौर पर लेफ्टिनेंट चन्द्र सुब्बा का अंतिम संस्कार किया और एक भाई की तरह अपने फर्ज़ को निभाया। एसडीएम आशीष पांडे ने लेफ्टिनेंट चन्द्र सुब्बा की बहन को जबलपुर के एक होटल मे रूकवाया और वाहन की व्यवस्था कर दिल्ली सिक्किम हाउॅस के लिए रवाना किया। सिक्किम के सीएम ने आशीष के इस कार्य की सराहना करते हुए सीएम शिवराज सिंह को लिखी चिट्ठी है।