Edited By meena, Updated: 13 Aug, 2022 04:36 PM
विदिशा में राखी का त्योहार एक भाई बहन के लिए कभी न भूलने वाला दिन बन गया। जहां दो भाई बहन बेतवा नदी में बह गए। इस दौरान भाई तो जैसे तैसे बच गए लेकिन बहन काफी दूर बह गई। जहां रेस्क्यू टीम ने सरियों के बीच फंसी बहन को निकालकर बोट में बिठाया लेकिन कुछ...
विदिशा: विदिशा में राखी का त्योहार एक भाई बहन के लिए कभी न भूलने वाला दिन बन गया। जहां दो भाई बहन बेतवा नदी में बह गए। इस दौरान भाई तो जैसे तैसे बच गए लेकिन बहन काफी दूर बह गई। जहां रेस्क्यू टीम ने सरियों के बीच फंसी बहन को निकालकर बोट में बिठाया लेकिन कुछ ही दूर बोट भी पलट गई। वह फिर से पानी के तेज बहाव में बहने लगी। बहन ने फिर भी मौत के आगे घुटने नहीं टेके। डूबते को तिनके का सहारा कहावत यहां सच निकली और उसने एक पेड़ की टहनी को पकड़कर अपनी जान बचाई जिसके बाद रेस्क्यू टीम ने उसे खोज निकाला और ट्यूब के सहारे 8 घंटे उफनती नदी में बिताने के बाद उसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
दरअसल, 35 वर्षीय सोनम गंजबासौदा की रहने वाली है। उसका भाई कल्लू दांगी पडरिया गांव में रहता हैं। वह गुरुवार को रक्षाबंधन के लिए बहन को लेने आया था। इस दौरान करीब 6 बजे गुरोद मार्ग बर्री पुल से बेतवा नदी पार करने लगे। लेकिन पानी पुल के ऊपर से बह रहा था इस दौरान उनकी बाइक पानी में फंस गई। बाइक के साथ बहन बह गई। बहन को बचाने के लिए भाई ने कोशिश की लेकिन पानी का बहाव तेज होने के कारण कुछ न हो सका। इसके बाद भाई ने पुलिस को सूचना दी।
बर्री पुल से बहते बहते सोनम 4 किमी दूर गंज पुल पर बन रहे नए पुल के सरियों में फंस गई। उसके बाद उसकी तलाश में निकले रेस्क्यू टीम भी वहां पहुंच गई लेकिन रात काफी हो चुकी थी जैसे तैसे सोनम को बोट में बिठाया। पानी का बहाव बहुत तेज था। ऐसे में लगा कि सब ठीक है लेकिन कुछ ही देर बाद रेस्क्यू टीम की बोट पलट गई। सोनम फिर से नदी के बहाव में बहने लगी। लेकिन उसने हार नहीं मानी वह एक मोटी लकड़ी के सहारे लगभग 16 किलोमीटर नदी में बहते हुए ग्राम राजखेड़ा पहुंच गई। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि राजखेड़ा में लोगों ने महिला को नदी में एक मोटी लकड़ी को पकड़े हुए देखा, जिसके बाद फिर ट्यूब के माध्यम से उसे किनारे पर लाया गया एवं उसे बचा लिया गया।