Edited By meena, Updated: 13 May, 2022 07:24 PM
आपने शायद यह तो देखा और सुना होगा कि जब किसी का विवाह लग्न मंडप में होता है तो सारे रीति रिवाज और रस्मों के साथ विदाई के बाद दुल्हन अपने ससुराल जाती है। लेकिन छिंदवाड़ा में ऐसा नहीं हुआ। सजी धजी लड़की की धूमधाम से शादी भी हुई और विदाई भी लेकिन उसकी...
छिंदवाड़ा(साहुल सिंह): आपने शायद यह तो देखा और सुना होगा कि जब किसी का विवाह लग्न मंडप में होता है तो सारे रीति रिवाज और रस्मों के साथ विदाई के बाद दुल्हन अपने ससुराल जाती है। लेकिन छिंदवाड़ा में ऐसा नहीं हुआ। सजी धजी लड़की की धूमधाम से शादी भी हुई और विदाई भी लेकिन उसकी डोली ससुराल पहुंचने की बजाय सीधे परीक्षा भवन की ओर गई। उसने पहले पेपर दिए इसके बाद वह ससुराल पहुंची। खास बात यह कि इस शुभ काम में उसके पतिदेव ने भी साथ निभाया।
बीएससी तृतीय वर्ष की नियमित छात्रा सावित्री इरपाची की 12 मई को शुभ मंगल विवाह था और उसी दिन उसका पेपर भी था। विवाह का शुभ मुहूर्त और पेपर दोनों एक साथ होने से वह उलझन में थी। वह अपनी पढ़ाई के प्रति दृढ़ता और लगनता के साथ अपने जीवन साथी और अपनी एजुकेशन को भी संवारना चाहती है। इसलिए एक ही दिन दोनों परीक्षाएं देने की सोची। इस काम में उसके पति और ससुराल वालों ने भी सहमति जताई और साथ भी निभाया।
इसलिए शादी होने के बाद मायके से विदा होकर वह ससुराल जाने से पहले परीक्षा देने शासकीय महाविद्यालय हर्रई के कॉलेज के परीक्षा केंद्र पर पहुंची। जहां दूल्हा स्वयं दुल्हन को परीक्षा केंद्र तक छोडने गया। उसके सहपाठियों ने भी उसका स्वागत किया। केन्द्राध्यक्ष डॉ. मधु सारवान सहायक केन्द्राध्यक्ष प्रोफेसर कमलेश कोचले डॉ पिंकी गोखले, डॉँ सुभाष सोनी, इंजीनियर महेन्द्र डेहरिया आदि ने उक्त दुल्हन के परीक्षा के प्रति समर्पण एवं पारिवारिक दायित्वों के निर्वहन करने के लिए दूल्हा, दुल्हन एवं परिवार की प्रशंसा की। परीक्षा के पश्चात सहपाठियों ने शुभकामनाए देकर सावित्री को विदा किया।