सुदूर वनांचल में सेवा की मिसाल, बैगा आदिवासियों तक पहुंची मां पाताल भैरवी मंदिर समिति

Edited By meena, Updated: 23 Dec, 2025 01:40 PM

the maa patal bhairavi temple committee reached out to the baiga tribal communit

खैरागढ़ जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्रों में ठंड से जूझ रहे बैगा आदिवासियों के लिए मां पाताल भैरवी मंदिर समिति एक बार फिर सहारा बनकर सामने आई। जिला मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर दूर, मध्यप्रदेश सीमा से महज एक...

खैरागढ़ (हेमंत पाल): खैरागढ़ जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्रों में ठंड से जूझ रहे बैगा आदिवासियों के लिए मां पाताल भैरवी मंदिर समिति एक बार फिर सहारा बनकर सामने आई। जिला मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर दूर, मध्यप्रदेश सीमा से महज एक किलोमीटर सटे छत्तीसगढ़ के अंतिम गांव बकरकट्टा थाना क्षेत्र अंतर्गत झिलमिली सहित आसपास के गांवों में समिति ने राहत सामग्री का वितरण किया। ठिठुरन भरी कड़ाके की ठंड के बीच समिति के सदस्यों ने बैगा आदिवासी परिवारों के बच्चों को गर्म कपड़े और ऊनी टोपियां, जबकि महिलाओं एवं बुजुर्गों को कंबल वितरित किए। शहरी इलाकों में जहां लोग पर्याप्त संसाधनों के बावजूद ठंड से परेशान हैं।  वहीं इन दुर्गम वनांचल गांवों में बुनियादी जरूरतें भी बड़ी चुनौती बनी हुई हैं। ऐसे में समिति का यह सेवा कार्य इन परिवारों के लिए बड़ी राहत साबित हुआ।

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मां पाताल भैरवी मंदिर समिति के अध्यक्ष राजेश मारू ने बताया कि हर वर्ष ठंड शुरू होते ही समिति का प्रयास रहता है कि वास्तविक जरूरतमंदों तक सीधे पहुंचा जाए। वरिष्ठ पत्रकार कमलेश सिमनकर के साथ वे लगातार ऐसे दुर्गम गांवों का चयन करते हैं, जहां शासन की योजनाएं सीमित रूप में ही पहुंच पाती हैं। समिति का मानना है कि सेवा का वास्तविक अर्थ तभी है, जब मदद सही हाथों तक पहुंचे। इस अभियान में सामग्री जुटाने और वितरण की पूरी व्यवस्था में समिति के उपाध्यक्ष दीपक जोशी, नीलम बैद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सभी सदस्यों के सामूहिक प्रयास से बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए ठंड से बचाव की आवश्यक सामग्री एकत्र कर सुदूर गांवों तक पहुंचाई गई।

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समिति ने केसीजी जिले और छत्तीसगढ़ प्रदेश के अंतिम छोर पर बसे ग्राम झिलमिली, गाताभर्री, समुंदपानी, चोभर और हाथीझोला में पहुंचकर बैगा आदिवासी समुदाय को राहत सामग्री वितरित की। इस दौरान सहयोगियों के रूप में विवेक रंजन सोनी, यशवंत (हिम्मत) पवार और रोशन ठाकुर भी उपस्थित रहे। स्थानीय ग्रामीणों ने समिति के इस मानवीय प्रयास के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ठंड के इस मौसम में कंबल और गर्म कपड़े उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। मां पाताल भैरवी मंदिर समिति का यह निरंतर सेवा अभियान न सिर्फ सामाजिक सरोकारों की मिसाल है, बल्कि यह भी दिखाता है कि सामूहिक इच्छाशक्ति से सुदूर वनांचल तक भी संवेदना और सहयोग पहुंचाया जा सकता है।

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