10 साल पहले मां बाप से बिछड़ गया था शख्स, लॉकडाउन की वजह से पहुंचा अपने घर

Edited By Vikas kumar, Updated: 06 May, 2020 12:04 PM

the person was separated from his parents 10 years ago

जहां एक ओर कोरोना महामारी के चलते हर कोई परेशान है, खासकर मजदूर वर्ग को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। तो वहीं छत्तीसगढ़ निवासी मुक बधिर लक्ष्मीदास के लिए य...

बड़वानी (संदीप कुशवाहा): जहां एक ओर कोरोना महामारी के चलते हर कोई परेशान है, खासकर मजदूर वर्ग को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। तो वहीं छत्तीसगढ़ निवासी मुक बधिर लक्ष्मीदास के लिए यह लॉक डाउन किसी उपहार से कम नहीं साबित हुआ। 10 साल पहले परिवार से बिछड़े युवक को सेंधवा में क्वारंटाइन सेंटर के प्रमुख ने अधिकारियों की सहायता से उसके परिवार को खोजकर परिजनों से वीडियो कॉल पर बात कराई। जिससे वह काफी खुश हो गया।

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कोरोना महामारी के चलते जहां बाहरी प्रदेशों में काम कर रहे मजदूरों के सामने मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। वहीं इस महामारी की वजह से 10 साल पहले अपने परिवार से बिछड़ा एक युवक अपने परिवार से मिल गया, बाहरी प्रदेशों से आ रहे मजदूरों को जहां महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश की सीमा पर रोका जा रहा है। बाकायदा मजदूरों की स्क्रीनिंग कर रोकने की व्यवस्था कि जा रही है। इसी के तहत बड़वानी जिले के सेंधवा में 4 अप्रैल को  लगभग 400 से 500 मजदूरों को स्क्रीनिंग कर उनका नाम पता पूछा जा रहा था। तभी एक 20 - 22 वर्षीय युवक लाइन में चुपचाप खड़ा था। जब उससे उसका नाम व पता पूछा गया। तो वह कुछ बोल नहीं पाया। क्वारंटाइन सेंटर में युवक को एंट्री तो दे दी। लेकिन सेंटर के प्रमुख बनाए गए विनोद कुमार यादव के दिमाग में यह बात घर कर गई। कि यह व्यक्ति कौन है और कहां से आया है।

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लगातार युवक से बात करने के बाद कागज पर युवक ने उसका सरनेम उरावे लिखा। उस सरनेम के आधार पर अधिकारी ने लोगों से बातचीत की, तो  पता चला कि उरावे सरनेम शहडोल और छत्तीसगढ़ में ही पाए जाते हैं। तब इनकम टैक्स अधिकारी युवराज ठाकुर ने युवक का फोटो और विनोद कुमार यादव का मोबाइल नंबर छत्तीसगढ़ के व्हाट्सएप ग्रुपों पर सेंड कर दिया, तो चार-पांच दिन बाद छत्तीसगढ़ के एक पुलिसकर्मी का फोन विनोद कुमार यादव के नम्बर पर आया, और उन्होंने बताया कि यह युवक ग्राम स्याहीमुड़ी थाना दर्री जिला कोरबा छत्तीसगढ़ निवासी है। और 2010 में यह कहीं खो गया था। तब खोज बीन आगे बढ़ी युवक के परिवार से संपर्क हो पाया, जिसके बाद युवक को वीडियो कॉल के जरिए परिवार से बात कराई गई। जिससे उसकी पहचान हो गई। युवक ने अपने परिवार व आसपास के लोगों को पहचान लिया। साथ ही युवक की पहचान लक्ष्मीदास पिता इतवार दास के रूप में हुई।

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बताया जा रहा है कि जब लक्ष्मी दास की उम्र लगभग 10 से 12 वर्ष थी तब बाहर से काम करने आए मजदूरों के साथ ही कहीं चला गया था। तब से उसका कोई पता नहीं लगा। लक्ष्मी के मुक बधिर होने के चलते वह कहां का है और इस बीच कहां कहां गया उसे कुछ जानकारी नहीं। सेंधवा SDM ऑफिस में RI के पद पर पदस्थ विनोद कुमार यादव की मेहनत और लगन से लक्ष्मी दास को उसके परिवार से मिलने का रास्ता साफ हो गया। अब जल्द लक्ष्मीदास का परिवार उसे लेने आने वाला है। लक्ष्मीदास के मिलने से माता पिता और परिजन की खुशी का ठिकाना नही है। तो युवक भी काफी खुश है, इशारों में उसने अपनी खुशी जाहिर की, और RI विनोद कुमार तो धन्यवाद किया।

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