Edited By meena, Updated: 09 Dec, 2025 04:33 PM

छुईखदान के संडी और आसपास के गांवों में प्रस्तावित श्री सीमेंट प्रोजेक्ट को लेकर विवाद तेज हो गया है। कंपनी 404 हेक्टेयर में लाइमस्टोन खनन व सीमेंट उद्योग स्थापित करना चाहती है। कंपनी का दावा है कि प्रोजेक्ट से रोजगार बढ़ेगा और सड़क–बिजली–पानी जैसी...
खैरागढ़ (हेमंत पाल) : छुईखदान के संडी और आसपास के गांवों में प्रस्तावित श्री सीमेंट प्रोजेक्ट को लेकर विवाद तेज हो गया है। कंपनी 404 हेक्टेयर में लाइमस्टोन खनन व सीमेंट उद्योग स्थापित करना चाहती है। कंपनी का दावा है कि प्रोजेक्ट से रोजगार बढ़ेगा और सड़क–बिजली–पानी जैसी सुविधाएं बेहतर होंगी।
लेकिन किसानों का कहना है कि उपजाऊ जमीन पर खनन शुरू होने से खेती खत्म हो जाएगी और पर्यावरण को भारी नुकसान होगा। इसी विरोध के बीच कंपनी ने खैरागढ़ में प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर आंदोलन को “गुमराह करने की कोशिश” बताया।
कलेक्टर इंद्रजीत चंद्रवाल ने कहा कि ग्रामीणों में कई भ्रम हैं, जिन्हें संवाद और जनसुनवाई से दूर किया जा सकता है। वहीं किसानों ने 11 दिसंबर की जनसुनवाई रद्द करने की मांग करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। किसानों का कहना है—जमीन और जीविका दांव पर है।

कांग्रेस विधायक भी किसानों के साथ खड़े हैं। सोमवार को छुईखदान में हुई किसान बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहुंचे और खुले तौर पर विरोध का समर्थन करते हुए कहा, “कंपनी नहीं खुलनी चाहिए, हम किसानों के साथ हैं।”
अब पूरा मामला 11 दिसंबर की जनसुनवाई पर टिक गया है। कंपनी व प्रशासन ‘‘विकास’’ की बात कर रहे हैं, जबकि किसान इसे ‘‘जमीन बचाओ’’ की लड़ाई बताते हुए आंदोलन तेज करने की तैयारी में हैं।