Edited By meena, Updated: 07 Sep, 2019 06:15 PM
छतरपुर में मानवता को शर्मशार करने वाला मामला सामने आया है। जहां एक बार फिर शव वाहन न मिलने पर परिजनों को नाबालिग के शव को कंधे पर रखकर अस्पताल से आधा किलोमीटर दूर पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाना पड़ा...
छतरपुर(राजेश चौरसिया): छतरपुर में मानवता को शर्मशार करने वाला मामला सामने आया है। जहां एक बार फिर शव वाहन न मिलने पर परिजनों को नाबालिग के शव को कंधे पर रखकर अस्पताल से आधा किलोमीटर दूर पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाना पड़ा। मामला छतरपुर जिले के लवकुशनगर अस्पताल का है। जहां चंदला थाने के मनुरिया गांव में शुक्रवार तीन बजे अचानक 11 वर्षीय मेघा अहिरवार कुंए में गिर गई, जिससे उसकी मौत हो गई।
चंदला पुलिस ने मामला दर्ज कर शव को पी एम के लिए लवकुशनगर शासकिय स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। लेकिन शव वाहन न होने की बात कहकर शासकीय अस्पताल के स्टाफ ने मेघा के परिजनों को स्टेचर थमा दिया गया। जब कि परिजन लगातार शव वाहन व अस्पताल के अन्य वाहन से पी.एम. हॉउस तक ले जाने के लिए कहते रहे। बाबजूद इसके शव वाहन नहीं दिया गया। आखिर में बच्ची की लाश को पिता व चाचा स्टेचर पर रखकर अपने कंधों पर अस्पताल से PM हाउस तक ले गए।
मानवता को शर्मसार करने वलाी यह घटना दुकान पर लगे सीसीटीवी में कैद हो गई। इस घटना ने पूरे अस्पताल प्रशासन को शर्मशार कर दिया है। जिसकी नगर में चारों ओर निंदा हो रही है।
बता दें कि यहां शव वाहन तो है पर महज़ शो-पीश बनकर रह गया है। जो कि सिर्फ सुविधा शुल्क देकर ही प्राप्त किया जा सकता है।