सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बढ़ी MP के 3 लाख शिक्षकों की धुकधुकी! 2 साल में ये परीक्षा नहीं की पास तो न होगा प्रोमोशन, जा सकती है नौकरी!

Edited By Desh sharma, Updated: 02 Sep, 2025 06:35 PM

the supreme court s decision has increased the anxiety of 3 lakh teachers of mp

सुप्रीम कोर्ट के एक नए फैसले से मध्य प्रदेश के शिक्षकों की धुकधुकी बढ़ा दी है । इससे एमपी में तीन लाख शिक्षकों के दिल की धड़कन तेज हो गई है । कोर्ट ने कहा है कि जिनकी सेवा अवधि पांच साल से ज्यादा बाकी है, उन्हें दो साल में (शिक्षक पात्रता परीक्षा)...

(MP DESK): सुप्रीम कोर्ट के एक नए फैसले से मध्य प्रदेश के शिक्षकों की धुकधुकी बढ़ा दी है । इससे एमपी में तीन लाख शिक्षकों के दिल की धड़कन तेज हो गई है । कोर्ट ने कहा है कि जिनकी सेवा अवधि पांच साल से ज्यादा बाकी है, उन्हें दो साल में (शिक्षक पात्रता परीक्षा) TET  की परीक्षा पास करनी होगी।  ऐसा नहीं करने वालों पर प्रमोशन से लेकर नौकरी तक संकट में पड़ सकती है।

टीईटी को दो साल में पास करने की समय सीमा तय

जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने कहा जिन शिक्षकों की सेवाएं अभी पांच साल से ज्यादा हैं, वे इस दायरे में आते हैं। जो शिक्षक इस परीक्षा को पास नहीं करेगा, उसे अनिवार्य रिटायरमेंट लेना होगा या इस्तीफा देना होगा। कोर्ट ने टीईटी को दो साल में पास करने की समय सीमा तय कर दी है। हालांकि बेंच ने ऐसे शिक्षकों को राहत दी है, जिनकी नौकरी 5 साल की बची है। लेकिन इन्हें प्रमोशन का अधिकार नहीं मिलेगा। लेकिन यदि ये शिक्षक प्रमोशन चाहते हैं, तो इन्हें TET परीक्षा पास करनी होगी।

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अल्पसंख्यक स्कूलों में लागू नहीं

आपको  बता दें कि अब तक कई राज्यों में, खासकर अल्पसंख्यक स्कूलों में, टीईटी अनिवार्यता को जरूरी नहीं समझा गया । सुप्रीम कोर्ट साफ कर दिया है कि सभी स्कूलों को एक मानक पर आना होगा । फिलहाल अल्पसंख्यक स्कूलों में इसे लागू नहीं किया गया है। अल्पसंख्यक स्कूल मामलों को बड़ी बेंच को सौंपा गया है। वही कोर्ट के इस फैसले को सरकार और विशेषज्ञ  शिक्षा गुणवत्ता सुधार के नजरिए से देख रहे हैं। अब हर शिक्षक को अपनी योग्यता साबित करनी होगी।

TET पास करने का समय पहले 5 साल फिर 4 साल के लिए बढ़ाया

आपको बता दें कि इससे पहले नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने शिक्षकों को TET परीक्षा पास करने के लिए पांच साल का समय दिया था। इसे बाद में 4 साल के लिए और बढ़ाया गया था। NCTE के इस निर्णय के खिलाफ उम्मीद्वारों कोर्ट पहुंचे । गौर करने वाली बात है कि 1984 से 1990 तक मध्य प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती  मिनी पीएससी के माध्यम से की जाती थी। । 2018 में इनका संविलियन अध्यापकों के रूप में हुआ लेकिन किसी ने भी टेट पात्रता परीक्षा पास नहीं की है। 2018 के बाद से प्रदेशभर के शिक्षकों की भर्ती कर्मचारी चयन मंडल कर रहा है जिसके तहत TET पास करना जरुरी है

 

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