Edited By meena, Updated: 12 Mar, 2021 01:47 PM
सनावद में रांका परिवार की पुत्री एवं डॉ. सुरेश रांका की बड़ी बहन धर्मपरायण सुश्राविका पुण्यात्मा शांतादेवी जेलमी का निधन हो गया था। उनकी पार्थिव देह का अंतिम संस्कार जैन मुक्तिधाम पर किया गया। उनकी महाप्रयाण यात्रा (डोली) में पुरुष सहित बड़ी संख्या...
खरगोन(वाजिद खान): खरगोन के सनावद श्वेनाम्बर जैन समाज के इतिहास और प्रदेश में पहली बार ऐसा देखा गया कि महिला के निधन पर पुरुषों के साथ न केवल महिलाओं ने डोली को कंधा दिया बल्कि उसके अंतिम संस्कार में भी शामिल हुई।
दरअसल, सनावद में रांका परिवार की पुत्री एवं डॉ. सुरेश रांका की बड़ी बहन धर्मपरायण सुश्राविका पुण्यात्मा शांतादेवी जेलमी का निधन हो गया था। उनकी पार्थिव देह का अंतिम संस्कार जैन मुक्तिधाम पर किया गया। उनकी महाप्रयाण यात्रा (डोली) में पुरुष सहित बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुई। इनमें नेहा खासगीवाल, उषा लाठिया, अनिता जैन, लता जेलमी, सरोज गोलेच्छा आदि ने भी डोली को कांधा दिया और अंतिम संस्कार के दौरान मुक्तिधाम में उपस्थित रहीं। अंतिम यात्रा के दौरान पूरे समय महिलाओं की उपस्थिति और भागीदारी रही। संथारा से अरिहंत शरण हो गया।
इस दौरान भारी संख्या में समाजसेवी शामिल हुए। अंतिम यात्रा के दौरान पूरे समय महिलाओं की उपस्थिति और भागीदारी रही। इलाके में संभवत: ऐसा पहली बार हुआ है। समाजजनों ने बताया सांसारिक जीवन छोड़ने के बाद व्यक्ति सामान्य नहीं होता। उनकी अंतिम यात्रा में महिलाएं शामिल हो सकती है। बताया जा रहा है कि इस बात की सहमति रांका परिवार ने बताया निधन के 12 घंटे पूर्व संधारा को लेकर उन्होंने सहमति दी थी। गुरुवार की वोह अरिहंत शरण हो गई।