Edited By meena, Updated: 24 Jan, 2022 06:23 PM
देश भर में इंदौर की पहचान यहां की प्रतिभाओं को लेकर भी है शहर का एक बाल कलाकार अपनी प्रतिभाओं को लेकर कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त कर चुका है जिस उम्र में बच्चे खेल और पढ़ाई में अपना समय बिताते हैं। उसी उम्र में शहर का एक बाल...
इंदौर(गौरव कंछल): देश भर में इंदौर की पहचान यहां की प्रतिभाओं को लेकर भी है शहर का एक बाल कलाकार अपनी प्रतिभाओं को लेकर कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त कर चुका है जिस उम्र में बच्चे खेल और पढ़ाई में अपना समय बिताते हैं। उसी उम्र में शहर का एक बाल कलाकार अपनी प्रतिभा के बलबूते पर अलग अलग मुकाम हासिल कर चुका है। महज 12 साल की उम्र में यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के अवार्ड अपने नाम कर चुका है।
ढाई सौ शब्दों की बाल रामायण की रचना
अवि शर्मा शुरू से ही अलग-अलग कामों को लेकर चर्चाओं में रहे हैं जिसे लेकर उन्हें कई तरह के अवार्ड मिल चुके हैं। परंतु अवि शर्मा ने लॉकडाउन के दौरान एक ऐसा काम किया है जिसकी हर जगह चर्चा हो रही है। लॉकडाउन के दौरान अवि ने ढाई सौ छन्दों में बाल रामायण की रचना की है। अवि शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने टीवी पर आने वाली रामायण को देखने के बाद बाल रामायण की रचना करने का फैसला लिया था जिसके बाद उन्होंने ढाई सौ छन्दों की बाल रामायण की रचना की है। अवि शर्मा अब तक देश के 50 से अधिक जाने-माने लोगों के साक्षात्कार भी कर चुके हैं। अवि का कहना है कि वह एक सोशल मीडिया पर कार्यक्रम का संचालन करते हैं जिसके लिए उन्होंने कई लोगों के साक्षात्कार लिए हैं जिनमें आईआईएम इंदौर के डायरेक्टर प्रोफेसर हिमांशु राय अभिनेता पंकज बेरी सहित कई ऐसी बड़ी शख्सियत शामिल है जिनके साक्षात्कार अवि ने लिए हैं।
सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले अवि ने 12वीं तक के बच्चों को दिया वैदिक ज्ञान
12 साल के अवि शर्मा वर्तमान में सातवीं कक्षा में पढ़ रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन वैदिक गणित को लेकर अवि द्वारा एक कार्यक्रम का संचालन किया गया जिसके चलते अभी द्वारा करीब 120 छात्रों को वैदिक गणित के बारे में जानकारियां दी गई। अवि शर्मा का कहना है कि हर व्यक्ति में एक अलग प्रतिभा होती है। जरूरत होती है केवल उसे तलाश कर उसे आगे बढ़ाने की उनकी प्रतिभा को उनके माता-पिता द्वारा सबके सामने लाया गया और उनके हल निकालने के लिए उन्हें सपोर्ट किया गया। अवि का कहना है कि उनकी माता विनीता शर्मा और पिता अमित शर्मा द्वारा उन्हें काफी सपोर्ट किया गया। जिसके चलते आज उन्होंने देश भर में अपनी प्रतिभा के बलबूते पर अपना नाम किया है। वही उनका मुख्य उद्देश्य आने वाले दिनों में हर व्यक्ति को अपनी संस्कृति और संस्कारों से रूबरू कराना है।
12 साल की उम्र में हासिल किए लगभग 25 अवार्ड
शहर के होनहार बाल कलाकार अवि शर्मा महज 12 साल की उम्र में अब तक अपने नाम करीब 25 अवार्ड कर चुके हैं। उन्हें कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है। अवि द्वारा अब तक कई तरह के अवार्ड मिल चुके हैं जिसमें मुख्य तौर पर साइबर ओलंपियाड और अंतर्राष्ट्रीय अंग्रेजी ओलंपियाड में जोनल पदक शामिल है। अवि को राष्ट्रीय पुरस्कार और अवार्ड के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय अवार्ड भी मिल चुका है।