Edited By meena, Updated: 09 Sep, 2024 02:56 PM
जानलेवा ब्लड कैंसर से पीड़ित गर्भवती महिला ने इंदौर शहर के सबसे बड़े गायनिक एमटीएच हॉस्पिटल में बिना ऑपरेशन के जुड़वां बच्चों को दिया है...
इंदौर (सचिन बहरानी) : जानलेवा ब्लड कैंसर से पीड़ित गर्भवती महिला ने इंदौर शहर के सबसे बड़े गायनिक एमटीएच हॉस्पिटल में बिना ऑपरेशन के जुड़वां बच्चों को दिया है। जन्म के बाद जहां नवजात बालिका और बालक दोनों स्वस्थ हैं तो वहीं इनकी मां सहित परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं है।
दरअसल खरगोन के रहने वाले मजदूर परिवार की बहू चिंकी राठौर जानलेवा ब्लड कैंसर से पीड़ित है। इस बात की जानकारी चिंकी राठौर के ससुरालवालों ने उससे छिपाई और इस दौरान वो गर्भवती हुई। हालांकि चिंकी को भी अपने शरीर में पल रही जानलेवा बीमारी का अहसास हो चुका था। बावजूद इसके दोनों एक दूसरे से बातें छुपाते रहे। प्रसव पीढ़ा होने के बाद जब चिंकी को खरगोन से इंदौर के एमटीएच अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया तो डाक्टरों की टीम ने इस जानलेवा बीमारी के बाद भी महिला का सफल प्रसव कराया। बिना ऑपरेशन के महिला ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया है।
मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर अक्षय लाहौटी ने बताया कि 22 वर्षीय महिला को जब परिजन पहली बार इलाज कराने के लिए लाया गया था तब उसे लगभग 25 सप्ताह का गर्भ था वह क्रोनिक माइलॉयड ल्यूकेमिया नाम के ब्लड कैंसर से पीड़ित है। सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर्स के सामने सबसे बड़ा चैलेंज यह था कि गर्भवती होने के चलते गर्भवती महिला के इलाज में न ज्यादा गर्म दवाइयां दे सकते थे न ही कीमोथैरेपी या रेडिएशन से संबंधित किसी अन्यथेरेपी का इस्तेमाल कर सकते थे।
आखिरकार सीनियर सर्जन डॉक्टर सुमित शुक्ला और डॉक्टर अक्षय लाहौटी ने निर्णय लिया कि गर्भवती पीड़िता को हॉस्पिटल में बिना भर्ती किए उसकी डिलीवरी तक न सिर्फ इलाज करना है बल्कि निगरानी रखते हुए हर दिन की मेडिकल रिपोर्ट पर सुबह शाम नजर रखना है। यह निर्णय लेने के बाद क्लीनिकल हेमेटोलॉजी की टीम ने इलाज शुरू कर दिया। तीन महीने तक चले सफल इलाज का सकारात्मक परिणाम सामने आया। सीनियर गायनेकोलजिस्ट डॉक्टर सुमित्रा यादव की निगरानी में गर्भवती पीड़िता ने बिना ऑपरेशन के प्राकृतिक तरीके से स्वस्थ जुड़वां बालक- बालिका को जन्म दिया।