मंच पर बरसते हुए CM मोहन बोले- ‘नालायक कांग्रेस...मुंह से निकल जाएगा, क्या करें...कांग्रेस के कर्म ही ऐसे हैं

Edited By meena, Updated: 18 Oct, 2025 04:51 PM

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धनतेरस के पर्व पर मुख्यमंत्री मोहन यादव भोपाल ने किसान आभार सम्मेलन में शिरकत की...

भोपाल : धनतेरस के पर्व पर मुख्यमंत्री मोहन यादव भोपाल ने किसान आभार सम्मेलन में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने किसानों को धनतेरस के साथ ही पांच दिवसीय दिवाली पर्व की बधाई दी। कार्यक्रम में कई जिलों से हजारों किसान पहुंचे। इस दौरान सीएम मोहन ने किसानों के लिए बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि किसानों को सोलर पंप के लिए अब 40 फीसदी नहीं बल्कि 10 फीसदी ही देना होगा। बाकी का पैसा सरकार देगी। वही उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। मंच पर कांग्रेस पर निशाने पर लिया तभी अचानक उनकी जुबान फिसल गई, उनके मुंह से निकला 'नालायक कांग्रेस।' लेकिन बाद में उन्होंने बात संभालते हुए कहा कि मुंह से निकल जाएगा, ... लेकिन क्या करें... कांग्रेस के कर्म ही ऐसे हैं।

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जान की बाजी लगाते हैं किसान

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि कांग्रेसी कान खोलकर सुन लें। कांग्रेस ने देश-प्रदेश में कभी किसी किसान के बेटे को मुख्यमंत्री नहीं बनाया। 1956 में मध्यप्रदेश की स्थापना हुई, लेकिन एक भी किसान का बेटा मुख्यमंत्री नहीं बना। कांग्रेस ने यह पाप किया। ये बीजेपी ही है, जिसने किसान के बेटे को प्रदेश का मुखिया बना दिया। हमारे किसान धूप में मेहनत की पराकाष्ठा करते हैं। वे ओला-पाला-सूखा-बाढ़ सहन करके, अपनी जान की बाजी लगाकर अन्न उपजाते हैं और लोगों का पेट भरते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन के सारे पुण्य एक तरफ और किसानों की सेवा एक तरफ। कांग्रेस इस बात पर माफी मांगे कि उसने नर्मदा के पानी का पूरा इस्तेमाल ही नहीं करने दिया। प्रदेश नदियों का मायका है। यहां से 250 से ज्यादा नदियां निकलती हैं। मां नर्मदा से निमाड़-मालवा-मध्य भारत का क्षेत्र पीने के लिए, खेत के लिए-उद्योग के लिए पानी मिलता है। लेकिन, 1956 से 2003 तक कांग्रेस ने नर्मदा के पानी का उपयोग ही नहीं करने दिया।

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सीएम ने कांग्रेस को लिया आड़े हाथ

सीएम डॉ. मोहन ने कहा कि नर्मदा घाटी परियोजना 1977 में बन गई थी, लेकिन कांग्रस की सरकारों ने काम नहीं किया। कांग्रेसी मजाक उड़ाते थे। कहते थे कि कहां नर्मदा नीचे की तरफ, कहां ऊपर पानी पहुंचा देंगे, संभव ही नहीं है। जबकि, आज हमारे सामने इतिहास बना है। 1956 में मध्यप्रदेश बना और 2002-03 तक केवल साढ़े सात लाख हेक्टेयर में ही सिंचाई होती थी। गेहूं का दाम 1956 में 100 रुपये क्विंटल था और इन कांग्रेसियों की वजह से 2002-03 तक इसका भाव 500 रुपये क्विंटल ही हो सका। इतने सालों में केवल 400 रुपये ही बढ़ाए गए। कांग्रेस ने यह पाप किया। हमें इस बात की खुशी है कि साल 2005 में जो गेहूं का भाव 500 रुपये था, वह आज 2600 रुपये क्विंटल हो गया है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा के काम करने का तरीका है। 20 साल में 2000 रुपये बढ़े और 55 साल में 400 रुपये बढ़े। अगर यही रुपये हमारे पूर्वजों को मिल जाते, तो उनका जीवन कितना बदल जाता। कांग्रेस की सरकारों के वक्त किसानों को डीजल के लिए लाइन में लगना पड़ता था, बिजली भी नहीं मिलती थी। कांग्रेस शासनकाल में हालात बेहद खराब थे। जबकि, आज प्रदेश में बिजली सरप्लस है। हमारी शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में 24 घंटे बिजली है।

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