Edited By meena, Updated: 05 May, 2021 05:45 PM

मध्यप्रदेश में कोरोना से हाल बेहाल है स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर रोज लोगों के आंसू बह रहे हैं मौत का आंकड़ा भी दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है लेकिन शिवराज सरकार के इंतजाम धरे के धरे रह गए हैं कहीं कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही है तो अब एक जो तस्वीर निकल...
आगर मालवा: मध्यप्रदेश में कोरोना से हाल बेहाल है स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर रोज लोगों के आंसू बह रहे हैं मौत का आंकड़ा भी दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है लेकिन शिवराज सरकार के इंतजाम धरे के धरे रह गए हैं कहीं कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही है तो अब एक जो तस्वीर निकल कर सामने आई है वह भी बेहद चौंकाने वाली है आगर मालवा के सुसनेर में पेड़ के नीचे कथित तौर पर झोलाछाप डॉक्टर कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं इतना ही नहीं कोरोना मरीजों को बकायदा पेड़ के सहारे ही ड्रिप चढ़ाई गई है।

बताया जाता है कि सुसनेर से पिड़ावा जाने वाली मुख्य सड़क जो गांव धनियाखेड़ी से करीब आधा किलोमीटर दूर है संतरे के बगीचे में कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है। पेड़ों पर बोतले लटका दी गई है। बताया जा रहा है कि यहां पर 10 गांव के मरीज आ रहे हैं और इसी तरह का इलाज चल रहा है। जब इस बारे में सुसनेर के बीएमओ डॉ मनीष कुरील से बात की गई तो उन्होंने साफ कर दिया कि जो झोलाछाप डॉक्टर हैं वे इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं लेकिन इस तस्वीर को देखने के बाद सवाल यही उठा कि अगर इनको अस्पतालों में बेड मिल जाते तो यह संतरे के पेड़ के नीचे आकर झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज क्यों करवाते?

यह मध्य प्रदेश की वह तस्वीर है जो कि बेहद बेहाल है मालवा का इलाका स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जाना जाता रहा है लेकिन कोरोना काल में हालत बद से बदतर हो गई है। इस तरह से जो इलाज इन ग्रामीण इलाकों में हो रहा है उस से मौत के आंकड़े बढ़ने की संभावना बढ़ती जा रही है। कुछ लोगों का बेतुका तर्क भी निकल कर सामने आया है यहां के बीएमओ इशारों इशारों में यह कहते हैं कि यहां के लोग डरते हैं कि इनको कोरोना वार्ड में भर्ती कर लिया जाएगा इस डर से भी अस्पताल नहीं जा रहे हैं और बगीचे में इलाज करा रहे हैं लेकिन सवाल यही उठता है कि क्या ऐसे इलाज को परमिट करने वाले अधिकारी पर कार्यवाही होगी?

क्योंकि इसी तरह से अव्यवस्था पूरे मध्यप्रदेश में फैली हुई है। ऑक्सीजन प्राप्त नहीं हो पा रही है लोगों को तो बेड भी उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में शायद झोलाछाप डॉक्टरों का ही सहारा इनको बचा है। अगर जान बच गई तो यह इन झोलाछाप डॉक्टरों के ही शुक्रगुजार होंगे बाहरहाल यह तस्वीर मध्यप्रदेश के हालातों को बयां तो कर ही रही है।