सिंधिया की नजरों में पूरा मध्यप्रदेश, विजयी जुलूस के सहारे पूरी करेंगे अपनी ये इच्छा

Edited By meena, Updated: 17 Nov, 2020 09:50 AM

the whole of madhya pradesh in the eyes of scindia

मध्यप्रदेश में उपचुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार इसे अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इसके साथ जहां वह अपनी सर्व स्वीकार्यता पर मोहर लगवाना चाहते हैं, तो प्रदेश में यह संदेश भी देना चाहते हैं कि उनका दलबदल...

भोपाल: मध्यप्रदेश में उपचुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार इसे अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इसके साथ जहां वह अपनी सर्व स्वीकार्यता पर मोहर लगवाना चाहते हैं, तो प्रदेश में यह संदेश भी देना चाहते हैं कि उनका दलबदल जनता ने मंजूर कर लिया है। इस क्रम में अब ज्योतिरादित्य सिंधिया पूरे मध्यप्रदेश में एक विजयी जुलूस निकालने की तैयारी में है। जिसके तहत प्रदेश भर में दौरा कर खुद के जनाधार को और मजबूती देंगे और दलबदल के बाद जनता के बीच एक नए अंदाज और कलेवर में खुद को पेश करने की कोशिश करेंगे। 

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क्या चाहते हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया?
अक्सर यह माना जाता रहा है, कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर चंबल अंचल तक सीमित नेता है। खुद सिंधिया अब इस छवि से बाहर निकलना चाहते हैं। और जबकि वह एक नए दल में शामिल हो गए हैं, और उनकी कोशिश ग्वालियर चंबल भर तक सीमित न रहकर प्रदेशभर में बीजेपी का चेहरा बनने की है, ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि उनका दायरा पूरे प्रदेश तक हो। इसके लिए वो जरूरी राजनीतिक कवायदें करते नजर आ रहे हैं। खबरें तो यहां तक हैं, कि 2023 में बीजेपी के भीतर खुद को एक मजबूत चेहरे के तौर पर स्थापित करने के लिए सिंधिया ने अपनी सियासी कवायदों को अंजाम देना शुरू कर दिया है और ये विजयी जुलूस इन्हीं कवायदों का हिस्सा भर है। बहुत संभव है, कि आने वाले समय में सिंधिया दिल्ली के साथ भोपाल में भी अपना स्थाई ठिकाना तैयार कर लें। 

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बीजेपी से अनुमति का इंतजार
ज्योतिरादित्य सिंधिया के विजयी जुलूस की रूपरेखा अभी उन्होंने और उनकी टीम ने व्यक्तिगत तौर पर ही तैयार की है। चूंकी इस पूरे प्लान को बीजेपी की बैनर के तले ही अंजाम दिया जाएगा, इसके लिए बीजेपी की अनुमति जरूरी हो जाती है। खबर है, कि पार्टी इस विषय में विचार कर रही है और उसका विचार इस दौरे के आने वाले समय में नगरीय निकाय चुनाव से जोड़ने पर है। इसके साथ ही बीजेपी के अंदरखानों में संबंधित दौरे के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर मंथन किया जाएगा और पार्टी का यह भी मानना है, कि यह दौरा सिंधिया विशेष पर आधारित न होकर और पूरी पार्टी पर आधारित होना चाहिए।

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बीजेपी के पुराने नेताओं को मिलेगी चुनौती
अगर उम्मीद के मुताबिक ज्योतिरादित्य सिंधिया की यह कवायद धरती पर उतर आती है। तो जाहिर सी बात है, कि प्रदेशभर में दौरा करके वह जनता के बीच काफी कुछ संदेश देने में सफल हो जाएंगे। इसमें सबसे प्रमुख उनकी स्वीकार्यता और बीजेपी में उनका बढ़ा हुआ कद होगा। अगर ऐसा होता है, कि सिंधिया के जरिए बीजेपी के खांटी और दिग्गज नेताओं को चुनौती मिलना लगभग तय है। इस बात को बीजेपी भी समझ रही है, कि ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद को शिवराज सिंह के समकक्ष स्थापित करना चाहते हैं इस स्थिति में वह बीजेपी के कई दिग्गजों से अपने आप ऊपर उठ जाएंगे, इसलिए सिंधिया की कवायदों की विशेष मॉनीटरिंग करना जरूरी है।

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