Edited By Vikas kumar, Updated: 17 Sep, 2019 06:59 PM
सिख विरोधी दंगों से जुड़ी फाइल एक बार फिर खुलने जा रही है। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्धारा गठित जांच दल ने सिख दंगों से जुडे सात मामलों को फिर से खोलने का फैसला लिया है। फाइल दोबारा खुलने से सीएम कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ सकती हैं..
भोपाल: सिख विरोधी दंगों से जुड़ी फाइल एक बार फिर खुलने जा रही है। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्धारा गठित जांच दल ने सिख दंगों से जुडे सात मामलों को फिर से खोलने का फैसला लिया है। फाइल दोबारा खुलने से सीएम कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अकाली दल के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कमलनाथ को चुनौती देते हुए कहा कि अब कमलनाथ की उल्टी गिनती शुरु हो गई है।
मनजिंदर सिंह ने ट्वीट कर लिखा है, न्याय में देरी हो सकती है, न्याय से बचा नहीं जा सकता। मैं संजय सूरी जी के फैसले को एफआईआर विटनेस के रूप में एफआईआर 601/84 मामले में पेश होने का स्वागत करता हूं। उन्होंने राहुल गांधी को भी आगाह करते हुए कहा है कि वह सच सुनने के लिए तैयार रहें।
मनजिंदर ने कहा आज संजय सूरी ने एक चश्मदीद गवाह के रूप में पेश होने का फैसला किया है। संजय सूरी पहले ही नानावटी आयोग में गवाही दे चुके हैं कि कमलनाथ मौजूद थे और लोगों को उकसा रहे थे। आज, मुख्तियार सिंह भी इस बात का विवरण देने के लिए अपना आवेदन दे रहे हैं कि उन्होंने क्या देखा। अब कमलनाथ का समय पूरा हो गया है। उन्हें अपने अपराधों के लिए जेल जाना पड़ेगा। बता दें कि केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस मुद्दे को केंद्र के सामने रखा था। अकाली दल ने ही सबसे पहले 1984 के सिख विरोधी दंगों में कमलनाथ की भूमिका को लेकर केंद्र सरकार को सूचित किया था। नेताओं का आरोप था कि उस समय नाथ ने सिखों के खिलाफ हिंसा भड़काई थी। वहां, जवाब में गृह मंत्रालय ने जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया था।