Edited By Vikas Tiwari, Updated: 09 Apr, 2023 02:52 PM

ओंकारेश्वर डैम में पानी छोड़े जाने के बाद करीब 20 से ज्यादा लोग नदी में फंस गए। जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र से आये श्रद्धालु पानी के तेज बहाव में फंसकर रह गए, जिनका रेस्क्यू करके उन्हें बचाया गया।
खंडवा (निशात सिद्दीकी): एमपी के खंडवा स्थित ओमकारेश्वर डैम (Omkareshwar Dam) से पानी छोड़े जाने के बाद नर्मदा नदी में 20 से ज्यादा श्रद्धालु फंस गए। जिन्हें तुरंत रेस्क्यू कर बचाया गया। वरना बड़ा हादसा हो सकता था। सभी श्रद्धालु ओम्कारेश्वर मंदिर दर्शन करने आए थे। दर्शन के बाद जब वह पवित्र नदी मां नर्मदा में स्नान कर रहे थे। तभी ओंकारेश्वर डैम से पानी छोड़ा गया। डैम से पानी छोड़ने के पहले साइरन भी बजाया गया, लेकिन दूसरे प्रदेश से आए श्रद्धालु उस साइरन को समझ नहीं पाए। सभी नदी में नहा रहे थे। तभी पानी बढ़ने और तेज बहाव देखकर घबरा गए, फिर मदद के लिए चिल्लाने लगे। किनारे पर मौजूद लोगों ने गोताखोरों को सूचना दी। इसके बाद बोट और रस्सियों की मदद से सभी को बाहर निकाला गया। श्रद्धालु अलग-अलग चट्टानों पर फंसे हुए थे। जिस वक्त यह घटनाक्रम हुआ, तब नदी में बोटिंग भी हो रही थी। गोताखोरों ने श्रद्धालुओं काे रस्सी पकड़ाई, इसके सहारे सभी को एक-एक कर किनारे पर लाया गया।
डैम से पानी छोड़ने से पहले दी थी चेतावनी
तीर्थ नगरी ओम्कारेश्वर में महाराष्ट्र से दर्शन करने पहुंचे 20 से ज्यादा श्रद्धालु नहाते समय पानी के बीच नदी में फंस गए थे। ओम्कारेश्वर मंदिर के पास ही नर्मदा नदी पर ओंकारेश्वर डैम (Omkareshwar Dam) स्थित है। जहां से आज पानी छोड़ा जाना था। डैम से पानी छोड़ने के पूर्व चेतावनी देने के लिए सायरन भी बजाया गया था लेकिन बाहर से आये श्रद्धालु इस चेतावनी को समझ नहीं पाए। वहीं टीआई बलजीत सिंह बिसेन ने बताया कि महाराष्ट्र के श्रद्धालु ओंकारेश्वर दर्शन करने आए थे। इनके अलावा कुछ और श्रद्धालु भी थे। सभी नर्मदा में चट्टानों पर जाकर स्नान कर रहे थे। बांध से पानी छोड़े जाने के कारण नदी में बहाव तेज हो गया। पानी का बहाव इतना तेज था कि, श्रद्धालुओं के कदम डगमगाने लगे। वे चट्टानों के सहारे खड़े हो गए। इधर, पानी का लेवल भी बढ़ता जा रहा था।

बांध प्रशासन ने बजाया था सायरन
पुनासा एसडीएम चंदर सिंह ने बताया कि ओंकारेश्वर विद्युत परियोजना के चार टर्बाइन चल रहे थे। इन्हीं टर्बाइन से नर्मदा में एक-एक घंटे के अंतराल से पहली बार सुबह 9 बजे पानी छोड़ा गया था। बांध प्रशासन ने टर्बाइन से पानी छोड़ने के साथ सायरन भी बजाए, लेकिन बाहरी श्रद्धालु स्थानीय स्थिति से अवगत नहीं थे। 20 से ज्यादा श्रद्धालुओं को रेस्क्यू किया गया है। श्रद्धालुओं को रेस्क्यू करने वाले सतीश केवट ने बताया, पानी कम होने से श्रद्धालु नदी के बीच पत्थरों पर नहाने के चले गए थे। जब ओंकारेश्वर डैम से पानी छोड़ा गया तो नर्मदा नदी में पानी बढ़ने लगा जिससे वहां फंसे श्रद्धालु घबराने लगे। फंसे हुए लोगों ने हाथ देकर मदद के लिए गुहार लगाई। उस समय गोताखोर लक्ष्मण ने हमें उन्हें बचाने भेजा। हम लोग नाव लेकर गए। दूसरे लोग भी नाव लेकर पहुंचे। सबसे पहले हमने उन्हें लाइफ जैकेट और रस्सा दिया। फिर 5-5, 7-7 लोगों को बाहर निकालकर लाए। वहीं इनके साथी प्रकाश केवट ने बताया, लोग बचाओ-बचाओ चिल्ला रहे थे। वे पत्थर पर खड़े थे। हम लोग भी अपनी नाव लेकर गए। एक बार में 11, दूसरी बार में 7 से 8 लोगों को बचाकर लेकर आए।

सभी लोगों को निकाला सुरक्षित
हालांकि बांध प्रशासन ने पानी छोड़ने से पहले सायरन भी बजवाया था। इसके बाद पानी छोड़ा गया। इन युवाओं को स्थानीय लोगों ने आवाज देकर बाहर बुलाने की कोशिश भी की। बताया भी कि सायरन बज चुका है, अब पानी छोड़ा जाएगा, लेकिन वे नहीं माने और नहाते रहे। जब नदी में अचानक पानी बढ़ा तो सभी बचाने की गुहार लगाने लगे। नाविकों ने उन्हें रेस्क्यू कर बाहर निकाला। फिलहाल सभी श्रद्धालु सुरक्षित हैं।