Edited By meena, Updated: 02 Jul, 2019 05:31 PM
मध्य प्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों के अलावा डेंटल कॉलेजों में एमबीबीएस व बीडीएस की सीटाें के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। लेकिन इस बार हालांकि, इस बार छात्र को प्रवेश के बाद सीट छोड़ना भारी पड़ सकता है। राज्य सरकार ने आवंटन के बाद...
भोपाल: मध्य प्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों के अलावा डेंटल कॉलेजों में एमबीबीएस व बीडीएस की सीटाें के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। लेकिन इस बार छात्र को प्रवेश के बाद सीट छोड़ना भारी पड़ सकता है। राज्य सरकार ने आवंटन के बाद सीट छोड़ने पर (सीट लिविंग बॉन्ड) आर्थिक दंड तीन गुना कर दिया है।
बता दें कि पिछले वर्ष यह राशि 10 लाख रुपए थी। लेकिन इस बार यह राशि बढ़ा कर 30 लाख कर दी है। दंड की राशि जमा करवाने के बाद ही छात्र को उनके मूल दस्तावेज लौटाए जाएंगे। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के प्रवक्ता डॉ. राहुल रोकड़े ने इसकी पुष्टि की है। इसके अलावा चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस सत्र से फीस में भी वृद्धि कर दी है। अधिकारियों के मुताबिक ऑल इंडिया और राज्य कोटा के छात्रों के लिए अलग-अलग मेरिट लिस्ट तैयार होती है। इसी आधार पर छात्र अलग-अलग राज्यों में शुल्क जमा करवाकर सीट आवंटित करवा लेते हैं। अपने पसंद का कॉलेज मिलने के बाद सीट छोड़ देते हैं। जिसके कारण सीट खाली रह जाती थी।