जिला एवं सत्र न्यायालय जबलपुर में नेशनल लोक अदालत में 3996 केसों का निराकरण, 28,07,47,993 का अवार्ड हुआ पारित

Edited By meena, Updated: 14 May, 2022 07:41 PM

3996 cases resolved in lok adalat

माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश नवीन कुमार सक्सेना के मार्गदर्शन में जिला न्यायालय जबलपुर, तहसील न्यायालय सिहोरा एवं पाटन तथा कुटुम्ब न्यायालय जबलपुर में शनिवार को नेशनल  लोक अदालत का आयोजन किया गया। जहां 3996 प्रकरणों का निराकरण करते हुए...

जबलपुर(विवेक तिवारी): माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश नवीन कुमार सक्सेना के मार्गदर्शन में जिला न्यायालय जबलपुर, तहसील न्यायालय सिहोरा एवं पाटन तथा कुटुम्ब न्यायालय जबलपुर में शनिवार को नेशनल  लोक अदालत का आयोजन किया गया। जहां 3996 प्रकरणों का निराकरण करते हुए  28,07,47,993 का अवार्ड पारित हुआ। प्रकरणों के निराकरण के लिये कुल 68 खण्डपीठों का गठन किया जाकर न्यायालयों में लंबित 1135 प्रकरणों एवं 2861 प्रीलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया गया। लोक अदालत में आपराधिक शमनीय प्रकृति के 75 प्रकरण, धारा 138 एन.आई.एक्ट के 158 प्रकरण, मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा के 588 प्रकरण, सिविल मामलों के 71 प्रकरणों एवं अन्य 56 लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया। इस लोक अदालत में धारा 138 एन.आई.एक्ट में 41917600 रूपये के समझौता राशि के निर्णय किये गये। मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा के प्रकरणों में 180097160 रूपये (अठारह करोड सन्तानवे हजार एक सौ साठ) के अवार्ड राशि पारित की गई। विद्युत के न्यायालयों में लंबित 110 प्रकरणों में 2218945 की राजस्व वसूली हुई। इसी प्रकार बैंक रिकवरी के 183 प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में निराकरण पश्चात 16529092 की समझौता राशि लोक अदालत में प्राप्त हुई।

लोक अदालत की सफलता की कहानी
कुटुम्ब न्यायालय की खण्डपीठ क्रमांक-02 के पीठासीन अधिकारी विधि सक्सेना एवं सुलहकर्ता सदस्यों के सकारात्मक प्रयासों से विभिन्न मामले सुलझाये गये। आज आयोजित लोक अदालत में खंडपीठ क्रमांक 02 के समक्ष 36 प्रकरण (सिविल/आपराधिक) रखे गये हैं।

खंडपीठ की समझाईश पर 8 सिविल एवं 7 आपराधिक प्रकरण निराकृत हुए। विवाह विच्छेद के प्रकरणों में समझाईश पर लंबे समय से पृथक रह रहे दम्पत्तियों ने अपने विवादों का आपसी निराकरण करते हुए न्यायालय से राजी -खुशी साथ रहने के लिए गये। इसी प्रकरण आपराधिक प्रकरणों में भी दम्पत्ति साथ-साथ रहने के लिए गये। खंडपीठ द्वारा उक्त दम्पत्तियों को उनके द्वारा लिए गये विवेकपूर्ण निर्णय के लिए बधाई दी गई, उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की गई। अधिवक्तागण की इनमें सहयोग के लिए प्रशंसा की गई।

इस न्यायालय में लंबित निष्पादन प्रकरण की आवेदिका द्वारा निष्पादन कार्यवाही अपने अनावेदक पति, जो कि कर्नाटक निवासी होकर वर्तमान में भारत से बाहर विदेश में रहता है, की ओर से इस प्रकरण की वसूली योग्य राशि 6 लाख 30 हजार की वसूली कराई जाकर प्रकरण की कार्यवाही आवेदिका की पूर्ण संतुष्टि में समाप्त की गई।

खंडपीठ सदस्य मदन मोहन साहू एवं उषा प्रधान का सहयोग प्रशंसनीय रहा
नेशनल लोक अदालत में खंडपीठ क्रमांक 44 के पीठासीन अधिकारी अनुजा श्रीवास्तव एवं सुलहकर्ता सदस्यों के प्रयासों से दाण्डिक प्रकरण जो वर्ष 2011 से लंबित था जिसमें पूर्व में कई बार शमन के लिए प्रयास किया जा चुका था। फरियादी एवं अभियुक्त दोनों पड़ोसी होकर एक-दूसरे से भलीभांती परिचित है, फरियादी लगभग 75 वर्ष का है। न्यायालय द्वारा एवं खंडपीठ क्रमांक 44 के सदस्यगण द्वारा दोनों पक्षों को समझाईश दी गई तथा आपसी वैमनस्य भूलकर अच्छे से जीने की प्रेरणा दी गई, जिसके फलस्वरूप प्रकरण को लोक अदालत में प्रकरण निराकृत हुआ और पक्षकारों के मध्य वैमनस्यता हमेशा के लिए समाप्त हो गई।

नेशनल लोक अदालत में खंडपीठ क्रमांक 34 के पीठासीन अधिकारी तबस्सुम खान एवं सुलहकर्ता सदस्यों के अथक प्रयासों से एक जमीनी विक्रय से संबंधित मामले का निराकरण किया। मेसर्स बालाजी स्टील द्वारा 6381000/- रूपये में तेवर जबलपुर स्थित संपत्ति क्रय करने का अनुबंध किया था, तथा विनिर्दिष्ट अनुपालन के लिए वाद प्रस्तुत किया गया, बालाजी एसोसिएट्स के पार्टनर रवि पटेल एवं राकेश कुमार लोधी के बीच राजीनामा हुआ, प्रतिवादी ने विक्रय मूल्य वापस किया और वादी ने पूर्ण सहमति से अनुबंध निरस्त कर दिया। 150000/- रूपयें की कोर्ट फीस वापस की गई।

नेशनल लोक अदालत में खंडपीठ क्रमांक 38 के पीठासीन अधिकारी नमीता बौरासी एवं सुलहकर्ता सदस्यों ने न्यायालय में लंबित प्रकरण रवि पटेल विरूद्ध राकेश पटेल एस.सी.एन.आई.ए. क्रमांक 2047/19 संस्थित दिनांक 03/10/2019 एवं रवि विरूद्ध राकेश पटेल एस.सी.एन.आई.ए. क्रमांक 2046/19 संस्थित दिनांक 03/10/2019 दोनों ही प्रकरणों में अभियुक्त द्वारा परिवादी को राशि 20 लाख रूपये का चैक दिया गया था जो अनादरित होने पर दोनों प्रकरण न्यायालय में संस्थित हुए है। दोनों प्रकरणों में उभयपक्ष द्वारा राजीनामा किया गया।

न्यायालय में लंबित प्रकरण म.प्र. वित्त निगम जबलपुर विरूद्ध मेसर्स सिंगरौली कृष्णराज इण्डस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड व अन्य क्रमांक यू.एन.सी.आर. 1634/2020 संस्थित दिनांक 08/08/2020 अभियुक्त द्वारा राशि 20 लाख रूपये का चैक दिया गया था जो अनादरित होने पर दोनों प्रकरण न्यायालय में संस्थित हुए हैं। उक्त प्रकरण में आज दिनांक को उभयपक्ष द्वारा राजीनामा किया गया।

इस प्रकार न्यायालय में लंबित 3 प्रकरण जिनमें चैक की राशि 20-20 लाख रूपये है आज दिनांक को लोक अदालत में निराकृत हुए है।

नेशनल लोक अदालत में खंडपीठ क्रमांक 47 के पीठासीन अधिकारी ज्योति सिंह टेकाम एवं सुलहकर्ता सदस्यों के प्रयास से जिला न्यायालय जबलपुर में आयोजित नेषनल लोक अदालत में दो साल से अलग रह रहे पति-पत्नि के मध्य आपसी समझौते के आधार पर राजीनामा होने से उनके मध्य उत्पन्न समस्त विवाद के निपटारे के साथ ही वे दोनों एक बार फिर से अपनी जिंदगी साथ-साथ शुरू करने के लिए सहमत हुए हैं।

आवेदिका ने बताया कि उनके पति और ससुराल वाले के मध्य दो साल से विवाद चल रहा था, वह अपने मायके में अपनी संतान के साथ पति से अलग रह रही थी। आज दिनांक 14/05/2022 को आयोजित लोक अदालत में न्यायालय की समझाईश पर राजीनामा के आधार पर समझौता हो जाने से पति-पत्नि एवं उभयपक्षों के चेहरे ख़ुशी से खिल उठे।

अरविंद सिंह टेकाम न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जबलपुर के न्यायालय में परिवादी मे. पटेल कृषि केन्द्र की ओर से आरोपी अमर यादवके विरूद्ध इस आधार पर प्रस्तुत किया था कि आरोपी ने सके स्वामित्व का एक हाईवा ट्रक 12 लाख रूपये में क्रय किया था भुगतान के लिए उक्त राशि का चेक परिवादी को प्रदान किया गया था अनादरत होने पर मामला न्यायलय मे पेश किया गया उभयपक्षों को समझाइश देने पर मामला निराकृत किया गया।

लोकोपयोगी सेवाओं की लोक अदालत के पीठासीन अधिकारी उमाशंकर अग्रवाल के समक्ष दूरभाष कंपनी के 14 प्रकरणों का निराकरण कराकर लगभग 30040/- राशि वसूली गई।

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