Edited By Vikas kumar, Updated: 24 Aug, 2019 12:49 PM
इंदौर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद ऑपरेशन बिगड़ने के बाद अस्पतला में भर्ती 11 मरीजों में से चार मरीजों की आंंखों की रोशनी वापस आने लगी है। सरकार के कहने पर चेन्नई से आए आई स्पेशिलिस्ट डॉ. राजवी रमण इनका इलाज कर रहे हैं..
इंदौर: इंदौर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद ऑपरेशन बिगड़ने के बाद अस्पतला में भर्ती 11 मरीजों में से चार मरीजों की आंंखों की रोशनी वापस आने लगी है। चेन्नई से आए आई स्पेशिलिस्ट डॉ. राजवी रमण इनका इलाज कर रहे हैं। ठीक होने वाले चार मरीजों को शुक्रवार को डिस्चार्ज कर दिया गया है। इन मरीजों की कितनी दृष्टि लौटी है यह अभी पता करना थोड़ा मुश्किल है। लेकिन समय के साथ-साथ धीरे-धीरे ही इसमें सुधार होगा। हालत में सुधार होने पर स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट चोईथराम अस्पताल पहुंचे। उन्होंने डिस्चार्ज हो रहे मरीजो को गुलाब के फूल भेंटकर हालचाल जाना।
वहीं, सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया के मुताबिक, रामीबाई, कालीबाई, सुशीलाबाई और शांतिबाई को डिस्चार्ज किया। बाकी तीन मरीजों को शनिवार या रविवार को डिस्चार्ज करेंगे। वहीं, पांच मरीजों को सरकार ने इलाज के लिए चेन्नई भेजा था। इनमें से हरपालदास, मनोहर हरोड और मिश्रीलाल चौधरी की आंखों का ग्लोब बचा लिया है, पर मोहन भाई और बाबूलाल वैष्णव की आंख का ग्लोब नहीं बचाया जा सका। इनकी आंखे निकालना पड़ी और अब इन्हें कृत्रिम आंखें लगाईं जाएंगी।